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गाज़ियाबाद :- डॉक्टर बीपी त्यागी ने बताया कि 20 जून को मेरे द्वारा दिनेश पीजी जो की adcp ग़ाज़ियाबाद के पद पर है। उनको एक ज़िला बदर जो मेरे अस्पताल में मुझे जानसे मारने की धमकी दे कर गया ,उसके फोटो ग्राफ wapp किए मुझे बताया गया कि एसीपी कवि नग़र को बता दिया गया है।
मैंने एक एप्लीकेशन कवि नगर थाने में दी। जिसमे सारी संबंधित जानकारी थी। केस क्योकि आरडीसी c-43 राजनगर का था , उसके चलते यह जाँच के लिए चोकी इंचार्ज को भेजा गया। 31 जुलाई दिन गुरुवार को सीएम पोर्टल से जो सूचना मिली उसमे ज़िला बदर शब्द ही नहीं था।कल मुझे पीएमओ जाना पड़ा।
उसकी सूचना आप सबको इसलिए दी जा रही है की ग़ाज़ियाबाद की पुलिस सीनियर सिटीजन व सीनियर डॉक्टर की रक्षा के लिए कितनी संवेदनशील है। एक सीनियर डॉ को जीरो टॉलरेंस वाले राज्य से पीएम ऑफिस जाना पड़ा। क्या यतेन्द्र आई/ओ ज़िला बदर से डरते है या ज़िला बदर कोई उनका फेवर कर रहा है ?
अगर पुलिस की कार्य शैली ये रहेगी तो मैं IMA का सहारा लूँगा और अनशन भी करूँगा।