रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- इस बार अष्टमी और नवमी दोनों की सही तिथि को लेकर लोगों में भ्रम बना हुआ है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि 10 अक्टूबर या 11 अक्टूबर किस दिन अष्टमी व्रत की पूजा करनी चाहिए। आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि यह भ्रम नवरात्रि की एक तिथि बढ जाने के कारण हुआ है। इसी कारण सप्तमी व अष्टमी तथा अष्टमी व नवमी एक ही दिन पड गई। नवरात्रि में तिथि बढना शुभ माना जाता है। अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से हो रहा है।
जो अगले दिन 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। 12 बजकर 6 मिनट के बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि ऐसे में जिनके यहां अष्टमी का पूजन होता है, वे 12 बजकर 06 मिनट से पहले ही अष्टमी पूजन कर लें। वहीं जिनके यहां नवमी का पूजन होता है, वे उसके पश्चात नवमी का कन्या पूजन कर सकते हैं। यानि अष्टमी व नवमी मनाने वाले 11 अक्टूबर को कन्या पूजन करके अपने व्रत का पारण कर सकते हैं, अर्थात उसे खोल सकते हैं और भोजन कर सकते हैं।