◼️श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित अनुष्ठान में कई शहरों के भक्तों ने मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- श्री सिद्धेश्वर महादेव कुटी पाइप लाइन रोड मकरेडा में आयोजित नवरात्रि अनुष्ठान में बुधवार को मां कालरात्रि की पूजा.अर्चना की गई। श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित अनुष्ठान में मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया था। गाजियाबाद के अलावा मेरठ, नोएडा, दिल्ली आदि से आए भक्तों ने देर शाम तक मां की पूजा-अर्चना की व पाठ में भाग लिया। मध्यान्ह 1.30 बजे व्रतियों के लिए फलहार हुआ।
अपरान्ह 3 बजे से यज्ञ प्रारंभ हुआ जिसमें बडी संख्या में भक्तों ने आहुति दी व मां से अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की। सांय 5 बजे मां की आरती की गई। आचार्य बृजेश कुमार मिश्र, पंडित संजय मिश्र व दीपक पाठक ने मां का पूजन व यज्ञ कराया। भक्तों ने मंदिर के महंत मुकेशानंद गिरि महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। महंत मुकेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि मां कालरात्रि का स्वरूप भीषण और विकराल है। वे काले रंग की हैं, लेकिन उनका यह रूप और रंग सदैव शुभ फल देने वाला है। इनके नाम से ही इनके भयंकर रूप का पता चल जाता है। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। कालरात्रि अंधकारमय स्थितियों का विनाश करने वाली शक्ति हैं। इस देवी के तीन नेत्र हैं। ये तीनों ही नेत्र ब्रह्मांड के समान गोल हैं। इनकी सांसों से अग्नि निकलती रहती है। ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा से भक्तों को वर देती है।
वहीं दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है, जो भक्तों को हमेशा निडर व निर्भय रहने का वर देता है। भंयकर रूप के बावजूद सदैव शुभ फल देने के कारण ही इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है। मान्यता है कि कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम असुरी शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं।