◼️24 अक्टूबर को गुरूवार होने भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना शुभ रहेगा
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि इस बार का अहोई अष्टमी पर्व बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। शुभ योग का ऐसा संगम कई वर्ष बाद होगा। अहोई अष्टमी पर्व 24 अक्टूबर को है और गुरुवार का दिन है, जो भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। इस दिन गुरू पुष्य योग के साथ अमृत सिद्धि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग का भी बनना इस पर्व को खास बनाएगा। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि गुरु पुष्य योग का विशेष महत्व होता है। पुष्य नक्षत्र शनि का नक्षत्र है और शास्त्रों में गुरूवार के दिन पुष्य नक्षत्र का पड़ना उत्तम योग माना गया है। गुरूवार का दिन, पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्ध योग एवं अमृत सिद्धि योग के भी पउन्े से अहोई अष्टमी व्रत का महत्व और अधिक हो गया है। इतना ही नहीं 24 अक्टूबर को चंद्रमा भी अपनी स्वयं की राशि कर्क में विराजमान रहेंगे।
ऐसे शुभ योग में भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की आराधना करने स सभी दुख दूर होंगे और जीवन में सुख-समुद्धि बनी रहेगी। इस दिन आप केसर हल्दी अवश्य करें भगवान विष्णु को अर्पित कर उनकी आराधना करें। भगवान को केसर का टीका लगाएं व पीली वस्तुओं का दान करें। जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में बैठ रहे हैं, उन्हें इस दिन अपने ईष्ट की आराधना अवश्य करनी चाहिए। माता-पिता का अपने बच्चों के लिए इस दिन लेखन सामग्री आदि खरीदना अत्यंत शुभ रहेगा। जो माताएं अपने बच्चों के लिए अहाई का व्रत रखेंगी वे अपने बच्चों को केसर का टीका अवश्य लगाएं। आचार्य दीपक तेस्वी ने बताया कि व्यापारियों को इस दिन भवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें पीली मिठाई, पीले फूल व पीले चंदन में केसर मिलाकर अर्पित करना चाहिए।