रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- श्री रामलीला समिति राजनगर की ओर से भगवान श्री राम तथा उनके भाइयों के जन्म के प्रसंग के साथ ही उनकी शिक्षा ग्रहण और बाद में ताड़का वध तक के प्रसंगों का मंचन किया गया।
रामलीला के मंच पर समिति के पदाधिकारियों ने श्री हरि विष्णु जी एवं रामायण का विधिवत पूजन किया। इसके बाद श्री राम एवं उनके भाइयों के जन्म का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। महाराज दशरथ के महल में तो खुशी का माहौल है ही, साथ ही पूरी अयोध्या में चारों के स्वरूप की चर्चा हो रही है और नाचने तथा बधाई देने वालों की भीड़ लगी है। तीनों माताएं तथा राजा दशरथ बालक्रीड़ा देख कर निहाल हो रहे हैं।
इसके बाद ॠषि वशिष्ठ के आश्रम में चारों भाई शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात वापस अयोध्या लौटते हैं। उसके बाद गुरु विश्वामित्र अयोध्या नरेश से राम और लक्ष्मण को उनके साथ भेजने का आग्रह करते हैं, क्योंकि मारीच और सुबाहु आदि राक्षस उनके यज्ञ को भंग कर देते थे। पिता से आज्ञा लेकर दोनों भाई गुरु विश्वामित्र के आश्रम में आकर यज्ञ की रक्षा करने हेतु राक्षसों से युद्ध करते हैं। यज्ञ की पवित्रता बनाए रखने के लिए युद्ध के दौरान दोनों भाई ताड़का का वध कर देते हैं ।
इस मौके पर समिति के अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष राजीव मोहन गुप्ता, मेला प्रबंधक एस एन अग्रवाल, संगठन मंत्री विनीत शर्मा, सुभाष शर्मा, दीपक मित्तल सीए, के.पी .गुप्ता, अमरीश त्यागी, जी.पी. अग्रवाल, आर.के.शर्मा, मंत्री मुकेश मित्तल, विनोद गोयल, प्रचार मंत्री रेखा अग्रवाल एवं सौरभ गर्ग, मोतीलाल गर्ग, मदन लाल हरित, गोल्डी सहगल, आलोक मित्तल, बी.के.अग्रवाल, ओमप्रकाश भोला, विजय लुम्बा, राजीव गुप्ता , श्रीमती उषा गुप्ता सहित राजनगर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।