रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
         हिंडन शमशान घाट का घमासान बढ़ता ही जा रहा है। यहां पर सबसे पहले भाजपा पार्षद और जीडीए बोर्ड सदस्य हिमांशु मित्तल ने लकड़ी के रेट को लेकर मोर्चा खोला था और फिर यहां बनाया गया मंदिर भी सीन में आ गया। हिमांशु मित्तल ने दो दिन पहले ही प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यहां बनाये गये मंदिर को अवैध बताया था और शमशान से जुड़े कई मुद्दे उठाये थे। हिमांशु मित्तल ने जब शमशान घाट में बने मंदिर को ध्वस्त करने की मांग उठाई तो श्री दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के महंत नारायण गिरी सामने आ गये। उन्होंने एक बातचीत में कहा कि दो लोगों के बीच के निजी विवाद में मंदिर कहां से आ गया।महंत नारायण गिरी ने कहा कि यह तो हिंदू धर्म में पहले से ही है कि शमशान भूमि में शिव भगवान का वास होता है। महंत नारायण गिरी ने कहा कि हिण्डन शमशान घाट पहले से ही शिव मंदिर बना हुआ है और यह मंदिर शमशान घाट संचालकों का नही बल्कि जूना अखाड़े का मंदिर है। यहां जूना अखाड़े के साधु रहते आये हैं। यहां किसी नये मंदिर का निर्माण नहीं हुआ है बल्कि प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है। महंत नारायण गिरी ने कहा कि हिमांशु मित्तल जिस शमशान घाट में स्थित मंदिर में इतनी रूची ले रहे हैं वह तो उस क्षेत्र के पार्षद भी नहीं है। महंत नारायण गिरी ने कहा कि शमशान घाट में यदि शिव का मंदिर नहीं होगा तो किसका मंदिर होगा। महंत नारायण गिरी ने कहा कि वह इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत करायेंगे और ऐसे पार्षद की शिकायत करूंगा कि ऐसे लोगों को पद से हटाया जाये। मैं भाजपा पार्षद की शिकायत मुख्यमंत्री से करने जा रहा हूं। यह मामला पूरी तरह धर्म से जुड़ा है और निगम पार्षद हिमांशु मित्तल धर्म का ठेकेदार नहीं है।
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