रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
        पेरेंट्स एसोसिएशन की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 8 दिन से जारी अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल को लखनऊ से आदेश पर कोरोना का षड्यंत्र रच हटाया गया धरना स्थल से जबकि कोरोना की जाँच में जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी , अनिल सिंह , मनोज शर्मा , सधना सिंह ,विवेक त्यागी की रिपोर्ट आई कोरोना नेगेटिव जिला प्रशासन के इस षड्यंत्र पर अभिभावको में भारी रोष

जैसा कि आप सभी जानते हैं सरकार द्वारा लगातार पांच सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार 8 दिन से जारी अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल को लखनऊ से आदेश पर कोरोना का षड्यंत्र कर भारी पुलिस बल का प्रयोग कर जबरन हटा दिया गया जो साफ साफ प्रदेश सरकार की निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत को दिखाता है सरकार अभिभावको की मांगों का हल शासन के माध्यम से निकालने की बजाय सियाशत पर उतर आई पंचम तल से आये आदेश के सनुसार अभिभावको पर कोरोना का बम फोड़ने की तैयारी थी इसी तैयारी के तहत सीओ को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव बताकर क्योकि वो धरना स्थल आये थे 8 दिन से जारी जायज मांगो को लेकर धरना स्थल से बल पूर्वक हटा दिया गया जो अभिभावको के साथ सरासर अन्याय है पुलिस द्वारा चारो सदस्य को एक ही गाड़ी में ले जाया गया जैसे अपराधियो को ले जाया जाता है जब कोरोना संक्रमण का डर था तो क्या एक ही गाड़ी में 4 ओ सदस्यों को ले जाने पर प्रसन्न चिह्न नही उठता है 

महिला साथी को फोन भी नही करने दिया गया और सभी के फोन छीन लिए गये जो अमानवीयता को दर्शाता है सभी चारो सदस्यों के सजिश के तहत कोरोना के टेस्ट कराये गये जो और जब रिपोर्ट मांगी गई तो आनाकानी की जानी लगी जब रात को सभी अभिभावक होस्पिटल पहुचने लगे तो रात 9 बजे चारो की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट दी गई जिसमें चारो सदस्य की रिपोर्ट नेगेटिव आई जो दिखता है कि जो निस्वार्थ भाव से कार्य करते है उनके साथ भगवान खड़े होते है जिसका जीता जागता प्रमाण है कि धरना स्थल पर हजारो की संख्या में लोग आए और फिर भी रिपोर्ट नेगेटिव आई जिला प्रशासन की सजिश को गहरा धक्का लगा क्या यह शासन की दमनकारी नीति नही गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन और अभिभावको कि लगातार मीटिंग चल रही है और इस अमानवीय षड्यंत्र और पाच सूत्रीय मांगों के लिये जल्दी ही कुछ बड़ा निर्णय लिया जाएगा
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