रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
         यशोदा हॉस्पिटल के अनुभवी चिकित्सकों की टीम एवम आधुनिकतम चिकित्सा उपक्रम के कारण हॉस्पिटल रोजाना जटिलतम सर्जरी करके मरीजों की जान बचा रहा है। इस वैशविक महामारी के दौरान जहां अस्पताल कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज सफलता पूर्वक कर रहा है वहीं अन्य जटिल बीमारियों का भी सफल इलाज कर रहा है। इसी कड़ी में एक और नवजात (11दिन) शिशु की न्यूरो सर्जरी करके बच्चे को नया जीवन प्रदान किया है।
विगत 8 अक्टूबर 2020 को यशोदा अस्पताल नेहरु नगर के इमरजेंसी विभाग में 11 दिन के बच्चे को लाया गया जिसके सिर के निचले हिस्से में गर्दन के पास एक बड़ी सी सूजन (meninjomayocele) थी। जिसके कारण बच्चे के सरीर के कुछ अंग कार्य नही कर रहे थे। बच्चे की स्तिथि काफी नाजुक थी अतः तुरंत बच्चे की MRI कराई गई। चुकि यह नवजात बच्चे का मामला था अतः नवजात शिशु से संबंधित अन्य बीमारियों को पता करने के लिए इको एवम अल्ट्रासाउंड भी किया गया। 
सारी जांचों के बाद डॉ विमल अग्रवाल वरिष्ठ न्यूरो सर्जन की निगरानी में एक टीम गठित की गई जिन्होंने इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने की एक रूपरेखा बनाई। ऐसे नवजात शिशु की सर्जरी में काफी रिस्क की संभावना होती है एवम यह सर्जरी काफी चैलेंजिंग होती है। इस सर्जरी के दौरान रक्त का कम से कम लॉस हो इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। लगभग 2 घंटे तक चली इस सर्जरी के बाद बच्चे को पी आई सी यु में उक्त निगरानी में रखा गया। होश में आने के बाद बच्चा सामान्य व्यवहार करने लगा एवम सभी अंगों को हिलाने लगा। इस माइक्रो सर्जरी में यह विशेष ध्यान रखा गया कि सर्जरी के दौरान एवम पश्चात रक्त चढ़ाने की आवस्यकता न पड़े। अगले तीन दिनों तक चिकित्सकों की निगरानी में पीआईसीयु में रखने के बाद बच्चे की छुटटी कर दी गई। बच्चे के परिवार जनों की खुशी देखने लायक थी।

यशोदा अस्पताल नेहरू नगर ग़ाज़ियाबाद के प्रबंध निदेशक डॉ रजत अरोरा ने डॉ विमल अग्रवाल एवम उनकी टीम को ढेर सारी बधाइयाँ दी साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की जटिल सर्जरी करने के लिए अनुभवी चिकित्सक एवम नवीनतम उपकरणों की आवस्यकता होती है और यह सारी सुविधा यशोदा अस्पताल में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि उच्चतम चिकित्सा सुविधा उचित मूल्यों पर एवम मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर उपचार करना यशोदा अस्पताल का मुख्य उद्देश्य है।
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