रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :-
आरकेजीआईटी में कंप्यूटर साइंस के साथ-साथ आईओटी, डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग पर तीन नई ब्रांच का शुभारंभ किया गया है। ऑटो सेक्टर से लेकर टेलीकॉम और हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनियों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी का प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। सिस्को की मानें तो 2023 तक देश में कनेक्टेड डिवाइसेज की संख्या 2.1 अरब के पार पहुंच जाएगी। आंकड़ों के अनुसार पिछले 3 वर्षों में आईओटी प्रोफेशनल्स की डिमांड 300 फ़ीसदी तक बढ़ी है
एक अनुमान के मुताबिक इस समय दुनिया भर में करीब 30.7 बिलियन आईओ टी आइटम्स है। फॉर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार 2021 तक आईओटी का यह मार्केट बढ़कर दोगुना होने वाला है। जाहिर है इस क्षेत्र में संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं और मल्टी डिस्प्लिनरी स्कोप सामने आ रहे हैं ।
डॉ अमित सिंघल (हेड ऑफ डिपार्टमेंट, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग - डाटा साइंस,आईओटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग,आरकेजीआईटी) ने बताया कि आज के बदलते हालात में भी कंपनियों में नई तकनीकी में भरपूर रोजगार के अवसर होने के कारण अभी कई वर्षों तक ऐसे ही मांग बने रहने की उम्मीद है। इन ब्रांचों में उम्मीद से अधिक छात्रों ने अपना रुझान दिखाया है। संस्थान के वॉइस चेयरमैन श्री अक्षत गोयल ने बताया कि नई ब्रांच से सम्बन्थित सभी आधुनिक सुविधाएँ संस्थान में उपलब्ध कराई जाएँगी और आई ओ टी एक्सेलेंस सेंटर का बहुत जल्द डेवेलपमेन्ट किया जायेगा ।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है और छात्रों में कंप्यूटर साइंस इन डाटा साइंस, आईओटी, ए आई & एम् एल की डिमांड टॉप पर है। छात्र इन एरिया में विशेषज्ञता हासिल करके टॉप लेवल कंपनियों में आकर्षक करियर बना सकते हैं।