◼️उपभोक्ता से गलत तरीके से वसूले गए बिल के रुपये उपभोक्ताओं को ब्याज सहित वापिस लौटाने की मांग


रिपोर्ट :- अजय रावत


ग़ाज़ियाबाद :-
      उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर में हुई गड़बड़ी के सभी आंकड़ें सरकार के पास होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। तरह तरह के प्रक्रियाओं का बहाना कर उपभोक्ताओं को उनके मुद्दों से भटकाने का काम किया जा रहा है। मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी  प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली विभाग के मुताबिक उपभोक्ताओं को बिजली विभाग शिकायत करना होगा, बिजली विभाग इसके बाद शिकायतकर्ता  के घर में चेक मीटर लगायेगें, चेक मीटर और स्मार्ट मीटर के डाटा में कोई फर्क नजर आने पर 15 दिनों के अंदर उन उपभोक्ताओं को 1912 पर कॉल करें।  इसके बाद बिजली विभाग उपभोक्ता की समस्या का सामाधान करने के लिए कदम उठाय़ेंगी। 

इस दावे का सच कुछ और ही है। प्रदेश में लगभग 12 लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल 30 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक बढ़कर आता है। एक मीटर पर यदि 500-600रूपये तक बिजली बिल बढ़कर आ रहा है तो लगभग 12 लाख मीटरों पर 60 करोड़ रूपये प्रतिमाह बिजली विभाग चोरी कर रहा है। 

जिला मीडिया प्रभारी मनोज त्यागी ने कहा उपभोक्ताओं की जटिल समस्य है।  उपभोक्ताओं से पैसा लेने की बजाये उनसे अधिक वसूला गया पैसा ब्याज समेत वापस करने के लिए जाना चाहिए। बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं की शिकायतो को फर्जी करार देते हुए एक कॉल सेंटर लगाया था, लेकिन उस कॉल सेंटर में पहले ही दिन 2230 उपभोक्ताओं ने कॉल शिकायत दर्ज करवाया। पहले दिन के आंकड़ों की माने तो 61 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने अधिक बिल आने की बात कही है, 38 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने सही बिल आने की बात की है और कुछ उपभोक्ताओं ने कहा की वो स्मार्ट मीटर से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि हमारा दावा है कि अगर घर घर जाकर मीटर चेक किया जाये तो 99 प्रतिशत उपभोक्ता कहेगा कि पहले से बिल ज्यादा बढ़कर आ रहा है। 

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि प्रदेश के बिजली मीटर हत्यारे है। प्रदेश सरकार इस मीटरों के जरिये उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने का काम तो कर ही रही है, बल्कि इसके जरिये उपभोक्ताओं की हत्या करने का काम कर रही है। 

आम आदमी पार्टी की मांग है कि सबसे पहले चेक मीटर का ड्रामा बंद करें सरकार, जिन जगहों पर चेक मीटर लगा दिए गये है उपभोक्ताओं से इसका कोई चार्ज ना वसूला जाये, सर्वर आधारित डाटा पर कार्यवाही करके सभी 12 लाख मीटरों को बदला जाये। स्मार्ट मीटर द्वारा उपभोक्ताओं से वसूले पैसे को ब्याज समेत वापस किया जाये, यदि वापस ना करें सके तो आने वाले दिनों के बिजली बिल में उस पैसे को समायोजित किया जाये। एक जनरल ऑर्डर के लिए जरिये कार्यवाही किया जाये ।

इस अवसर पर उपस्थित पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नितिन तिवारी, जिला कार्यकारिणी सदस्य दिलशाद अहमद,गाजियाबाद विधानसभा कोषाध्यक्ष अरविंद मेहता ,मनोज त्यागी,पूनम चौधरी आदि उपस्थित रहे।
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