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गाजियाबाद :- फ्लैट देने का झांसा दे सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठने वाले रेड एप्पल सोसायटी के तीन बिल्डर्स प्रतीक जैन, अक्षय जैन और मुकेश गोस्वामी पर सिहानी गेट पुलिस ने गैंगस्टर लगाया है। तीनों आरोपी आईडिया बिल्डर्स के निदेशक हैं। पुलिस के मुताबिक तीनों बिल्डर्स गैंग बनाकर लोगों से फ्लैट के नाम पर रकम ऐंठते हैं। आरोपियों के खिलाफ पूर्व में धोखाधड़ी व अमानत में ख्यानत के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी बिल्डर्स की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

रेड एप्पल सोसायटी के बिल्डर्स के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा सिहानी गेट एसएचओ कृष्ण गोपाल शर्मा ने दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमे में उनका कहना है कि रामप्रस्थ कॉलोनी लिंक रोड निवासी प्रतीक जैन और अक्षय जैन तथा करावल नगर दिल्ली निवासी मुकेश गोस्वामी का एक संगठित गिरोह है। प्रतीक जैन इस गिरोह का लीडर है। इसका क्षेत्रीय जनता में भय व आतंक व्याप्त है। डर से कोई व्यक्ति इसके खिलाफ मुकदमा लिखवाने या गवाही देने का साहस नहीं जुटा पाता। प्रतीक जैन द्वारा किए गए अपराध आर्थिक अपराध की श्रेणी में आते हैं। इसका जनता के बीच स्वछंद रूप से रहना जनहित में ठीक नहीं है। एसएचओ का कहना है कि तीनों बिल्डर्स के खिलाफ सिहानी गेट थाने में धोखाधड़ी व अमानत में ख्यानत के पांच-पांच मामले पहले से दर्ज हैं।
करोड़ों की संपत्ति होगी जब्त

सीओ द्वितीय अवनीश कुमार का कहना है कि प्रतीक जैन, अक्षय जैन और मुकेश गोस्वामी ने रेड एप्पल सोसायटी में फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगे हैं। रकम देने के बाद भी बिल्डर्स ने आवेदकों को फ्लैट मुहैया नहीं कराए। लगातार सामने आ रहे पीड़ितों को देखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की फैसला लिया। डीएम से अनुमोदन लेकर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। अब उनकी संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही उनके तमाम प्रोजेक्ट को जब्त किया जाएगा।
हाल ही में तहसीलदार ने दर्ज कराया था केस

तहसीलदार सदर प्रवर्धन शर्मा ने मैसर्स आइडिया बिल्डर्स के 5 निदेशकों प्रतीक जैन, विजयंत जैन, राजकुमार जैन, अक्षय जैन और मुकेश गोस्वामी के खिलाफ हाल ही में सिहानी गेट थाने में धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का केस दर्ज कराया था। आरोप है कि उक्त आरोपी बिल्डर्स ने राजनगर एक्सटेंशन सोसायटी में रेड एप्पल नाम से सोसायटी बनाई और निर्माण पूरा किए बिना आवेदकों को फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूल लिए। कब्जा न मिलने पर खरीदारों ने निदेशकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा रखी हैं।
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