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गाज़ियाबाद :- सपा कार्यालय पर शनिवार को संत रविदास जयंती मनाई गई सभा जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने बताया कि भक्तिकालीन संत व कवि रविदास का जीवन व उनकी शिक्षाएं अत्यंत प्रेरक हैं। वे महान आध्यात्मिक समाज सुधारक थे। उन्होंने कहा, मनोवांक्षित जन्म किसी के वश की बात नहीं है। जन्म ईश्वर के हाथ में है। सभी ईश्वर की संतान हैं अत: जन्म के आधार पर भेदभाव करना ईश्वर की व्यवस्था को नकारने जैसा है। वे कहते हैं- रैदास जन्म के कारणै, होत न कोई नीच। नर को नीच करि डारि हैं, औछे करम की कीच।। मान्यता है कि संत रविदास ने तपोबल से सिद्धियां हासिल कीं, चमत्कार किए, लेकिन कभी अहंकार नहीं किया।

महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी ने बताया कि संत रविदास ने घृणा का प्रतिकार घृणा से नहीं, बल्कि प्रेम से किया। हिंसा का हिंसा से नहीं, बल्कि अहिंसा और सद्भावना से किया। इसलिए वे प्रत्येक व्यक्ति के प्रेरणास्त्रोत बने। उन्होंने निर्भीकता से अपनी बात कही। समाज को नई राह दिखाई और कुरीतियों को दूर करने के लिए सच और साहस को आधार बनाया। संत रविदास को वेदों पर अटूट विश्वास था। वे सभी को वेद पढ़ने का उपदेश देते थे।
 
सपा नेता एडवोकेट रमेश यादव बताया की संत रविदास कहते हैं-'जन्म जात मत पूछिए, का जात और पाँत। रैदास पूत सम प्रभु के कोई नहिं जात-कुजात।।' वे कहते हैं-'एकै माटी के सभै भांडे, सभ का एकै सिरजनहार। रैदास व्यापै एकौ घट भीतर, सभ को एकै घड़ै कुम्हार।। वैदिक वर्ण व्यवस्था में व्यक्ति के गुण, कर्म और स्वभाव को महत्त्‍‌व दिया गया है। संत रैदास ने मांसाहार, अनैतिकता, धनलिप्सा, दुराचार को भी असामाजिक घोषित किया। उन्होंने सभी तरह की धार्मिक संकीर्णताओं, रूढि़यों, भेदभाव का विरोध करते हुए कहा, इस तरह की प्रवृत्तियों से समाज कमजोर और अपवित्र बनता है। उन्होंने धार्मिक स्थलों के बजाय व्यक्ति के बेहतर कमरें को महत्वपूर्ण माना और हृदय की पवित्रता को जरूरी बताया। वे कहते हैं-'का मथुरा का द्वारका, का काशी हरिद्वार। रैदास खोजा दिल आपना, तउ मिलिया दिलदार।। आडंबरों का विरोध करने के कारण उनकी निंदा-आलोचना भी की गई, लेकिन उन्होंने इसकी कभी परवाह नहीं की।

सपा नेता विशाल वर्मा ने संत रविदास के बारे में बताया कि उन्होंने धार्मिक एकता स्थापित करने के प्रयास किए। संत रविदास ने जिसे समाज, राष्ट्र और संस्कृति के उन्नयन में नुकसानदायक पाया, उसका खुलकर विरोध किया। इस तरह एक साधक, साधु, योगी, समाज सुधारक, कवि और सिद्ध के रूप में संत रविदास आज भी मानव समाज के लिए प्रेरक, शिक्षक, उपदेशक, मानव मूल्यों के रक्षक के रूप में दिखाई पड़ते हैं।

मुख्य रूप से उपस्थित लोगों की जिलाध्यक्ष राशिद मलिक, महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी, विशाल रमेश यादव एडवोकेट पूर्व जिला अध्यक्ष अधिवक्ता सभा, वीरेंद्र यादव जिला महासचिव, कमलेश चौधरी महिला सभा जिला अध्यक्ष, किरण कालिया महानगर अध्यक्ष महिला सभा, Abul Hasan, शिवचरण चौहान, मनोज पंडित, आशु अब्बासी, Haji Javed Qureshi, नानक चंद प्रजापति, प्रदीप शर्मा, दिनेश यादव एडवोकेट, Anju vad, Deepak Khatik, नितिन यादव, सुनील यादव, सचिन जाटव,  पुष्पा चौधरी, गौरव त्यागी, ताहिर हुसैन, दीपक शर्मा, सचिन वर्मा आशा सचदेवा, सायदा, नवीन गुप्ता कुशल मिश्रा, राजन कश्यप ,अजय कुमार आदि सपा कार्यकर्ता मौजूद थे
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