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गाजियाबाद :- केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर विभाग ने 30 से अधिक फर्जी फर्म बनाकर करीब 154 करोड़ की फर्जी खरीद फरोख्त का पर्दाफाश करते हुए पति, पत्नी को गिरफ्तार किया है। दोनों ने फर्जी खरीद-फरोख्त की इनवॉइस तैयार कर 23.54 करोड़ के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया था। अधिकारियों ने जब जांच की तो सारा खेल सामने आ गया। दोनों आरोपी फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के रहने वाले हैं। मेरठ सीजेएम कोर्ट में पेश करने के बाद दंपती को रिमांड पर भेजा गया है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया की सीमा सोनी के नाम पर मैसर्स वंश एंटरप्राइजेज दर्ज है। 23.54 करोड़ की आईटीसी क्लेम करने के बाद विभाग ने गोपनीय तरीके से फर्म की जांच शुरू की। इसके बाद इससे जुड़ी 30 अन्य फर्मों की जानकारी अधिकारियों को लगी। लोनी में भी सीमा सोनी ने फर्म को दर्शाया था, जहां अधिकारियों को कुछ भी नही मिला। इसके बाद नोएडा और फरीदाबाद में भी सर्च की गई। फरिदाबाद में आरोपी के निवास पर जब अधिकारी पहुंचे तो मौके पर कोई नहीं मिला। इनके घर से फर्म के दस्तावेज, चेकबुक, इनवॉइस सहित अन्य रिकॉर्ड लेकर सीज कर दिए। घर पर किसी के न मिलने पर अधिकारियों ने सीमा के नाम सम्मन जारी कर दिया। शनिवार को सीजीएसटी कार्यालय गाजियाबाद में सीमा सोनी और उसका पति देव पाल सोनी पहुंचे। देव पाल ने अधिकारियों के आगे अपना गुनाह कुबूल किया और बताया कि उसकी पत्नी इन फर्मो को नहीं चलती है। अधिकारियों ने दोनों के बयान दर्ज कर सीजेएम कोर्ट मेरठ में पेश किया, जहां से उन्हें अधिकारियों की रिमांड में भेज गया है।

फर्जी फार्म से करोड़ों का फर्जी कारोबार करने वालों ने पेपर से लेकर लोहे तक को कागजों में खरीद और बेचा। सीजीएसटी अधिकारियों का कहना है कि इनके कब्जे से पेपर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लोहा, रेडीमेड गारमेंट सहित दर्जन भर ट्रेड में कारोबार के बिल मिले हैं। इन 30 फर्जी फर्मों का मास्टरमाइंड सीमा का पति देवपाल सोनी है।

फर्जी फर्मों का गढ़ बना गाजियाबाद
सीजीएसटी विभाग ने करीब दो महीने में फर्जी फर्म से 800 करोड़ से अधिक की चोरी पकड़ी है। विभाग ने जनवरी में क्रासिंग रिपब्लिक से व्यक्ति को गिरफ्तार को 200 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी थी। इसके बाद दिल्ली गेट से सात से अधिक फर्जी फर्मों का खुलासा विभाग ने किया। इस मामले में महिला सहित तीन को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली गेट की ये फर्म भी इलेक्ट्रिकल्स आइटम की फर्जी खरीद-फरोख्त में थी। पिछले दिनों 99 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया था।

ऐसे चल रहा है फर्जीवाड़ा
जिले में सक्रिय टैक्स माफिया बड़े पैमाने पर फर्जी टैक्स इनवॉइस तैयार करते हैं। इसके बाद आईटीसी क्लेम के लिए आवेदन करते हैं। कागजों पर चलने वाली फर्म अस्तित्व में न होने से आईटीसी मिलने के कुछ समय बाद अचानक से बंद भी हो जाती हैं। फर्जी बिल लगाकर ये फर्में एक-दूसरे से करोड़ों का लेन-देन कर इनवॉयस तैयार कर लेती हैं।

इस मामले में आगे की जांच की जा रही है। इनकी बोगस फर्म की संख्या अधिक हो सकती है। सभी रिकॉर्ड्स की जांच कराई जा रही है।
- आलोक झा, आयुक्त, केंद्रीय माल एवं सेवा कर
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