रिपोर्ट :- नासिर खान  


लखनऊ :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि कोरोना के लिए जीवन रक्षक दवा रेमडिसीवर इंजेक्शन तथा फैबीफ्लू के बाद अब ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ रासुका लगाया जायेगा तथा गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने बुधवार को टीम-11 के साथ बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू तथा ऑक्सीजन जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवाओं की आपूर्ति की विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को सख्त निर्देश दिए इन जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर और रासुका जैसे एक्ट के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाए, साथ ही पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में एक विशेष टीम गठित कर प्रदेश में छापा मार कार्रवाई करने के भी निर्देश भी दिये।

उन्होंने कहा कि जीवनरक्षक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए। रेमडेसिविर उत्पादनकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क में रहें। इसके अलावा, सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए। यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन का वितरण पारदर्शी ढंग से हो। ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह सुखद है कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में 14 हजार से भी अधिक मरीज कोविड संक्रमण से ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेशवासी धैर्य और संयम बनाये रखें। उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं हों अथवा जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता, किसी भी चीज का अभाव नहीं है। कोविड के लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं, चिकित्सकों के निर्देशों का पालन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का कोई विचार नहीं है। हमें लोगों के जीवन और जीविका दोनों की ही चिंता है। परिस्थितियों का आंकलन करते हुए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। कोरोना कर्फ्यू और साप्ताहिक बंदी जैसे प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए। मास्क, सैनिटाइजर और दो गज दूरी जैसे कोविड प्रोटोकॉल को पूरी ईमानदारी के साथ अमल में लाया जाए। लापरवाह लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में खाली बेड्स के बारे में हर दिन जानकारी सार्वजनिक की जाए। इससे मरीजों के परिजनों को काफी सहूलियत होगी। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भूमिका इस कार्य मे अत्यंत उपयोगी है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। मांग के अनुरूप ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत सरकार से आवंटित ऑक्सीजन को यथाशीघ्र प्रदेश में उपलब्ध कराया जाए। ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे इस हेतु सभी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन का ऑडिट कराया जाना चाहिए। ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई की जाए। अति गंभीर परिस्थिति को छोड़कर किसी भी इंडिविजुअल व्यक्ति को ऑक्सीजन की आपूर्ति न की जाए। केवल संस्थागत आपूर्ति ही होगी।

ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, औद्योगिक विकास, एमएसएमई तथा गृह विभाग आपसी समन्वय से इस कार्य को करें। टैंकर/सिलिंडर का कोई अभाव नहीं है। प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड से लड़ाई में जीत के लिए‘टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट'का मंत्र सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं है। सभी निजी एवं सरकारी कोविड टेस्टिंग प्रयोगशालाएं अपनी पूरी क्षमता के साथ टेस्टिंग कार्य करें। किसी भी प्रयोगशाला को टेस्ट करने पर कोई रोक नहीं है। जांच के लिए शुल्क की दर पूर्व में ही तय की जा चुकी है। आरआरटी की संख्या बढ़ाई जाए। क्वालिटी कंट्रोल को प्रत्येक दशा में सुनिश्चित की जाए। टेस्टिंग की वर्तमान क्षमता को दोगुनी किये जाने के ठोस प्रयास हों। सभी जिलों में न्यूनतम 200-200 अतिरिक्त बेड बढ़ाये जाने के प्रयास हों।
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