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गाजियाबाद :- कोरोना संक्रमितों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हो रही है। अधिकारियों की मानें तो कोरोना की पहली लहर में करीब 25 फीसदी संक्रमितों को प्लाज्मा के दम पर स्वस्थ किया गया जबकि दूसरी लहर में अब तक 20 फीसदी संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा की जरूरत पड़ी है लेकिन सरकारी अस्पताल और ब्लड बैंक कहीं भी प्लाज्मा की व्यवस्था नहीं है। निजी कोविड अस्पतालों के दम पर संक्रमितों को प्लाज्मा दिया जा रहा है। इसके अलावा महामारी के दौर में जिला ब्लड बैंक भी रक्त की कमी से जूझ रहा है।

कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद संतोष अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाने कवायद शुरू की गई थी लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर योजना बनाने से आगे नहीं बढ़ सका। सरकारी स्तर पर इलाज करा रहे व्यक्ति को प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है तो परिजनों को ही इसकी व्यवस्था करनी पड़ती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने जिन निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया है, उनमें से उपलब्धता मिलने पर मरीज को प्लाज्मा दिया जा रहा है। पहली लहर में करीब 12 हजार और दूसरी लहर में 4000 संक्रमितों को प्लाज्मा चढ़ाया गया है। जिला ब्लड बैंक में प्लाज्मा लेने की मशीन न होने से परेशानी बनी हुई है।

सोशल मीडिया पर लोग चला रहे अभियान
सोशल मीडिया पर प्लाज्मा डोनेट करने के लिए लोग लगातार पोस्ट कर रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुप में लोग प्लाज्मा को लेकर मुहिम चला रहे हैं। बीते दिनों पुलिस महकमे ने भी प्लाज्मा को लेकर अभियान शुरू किया था और प्लाज्मा दान भी किया था। कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति में एंटीबॉडी बन जाती है। ये एंटीबॉडी दूसरे कोरोना मरीजों के काम आती है जो वायरस को नष्ट करने में मदद करती है।

नहीं मिल रहे मददगार
प्लाज्मा की बढ़ती मांग के बीच इसका संकट गहराता जा रहा है। तीमारदार अस्पतालों से लेकर सोशल मीडिया तक प्लाज्मा के लिए मदद मांग रहे हैं लेकिन मदद नहीं मिल पा रही है। इसका एक बड़ा कारण ठीक हुए मरीजों में प्लाज्मा दान करने के प्रति उदासीनता भी है। दोबारा संक्रमण न हो जाए इस डर से लोग आगे नहीं आ रहे हैं।

70 डिग्री तक तापमान में सुरक्षित रखा जाता है प्लाज्मा :
कोरोना संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में से प्लाज्मा लेकर डीप फ्रीजर में रखा जाता है। 30 से 70 डिग्री तापमान में यह सुरक्षित रहता है। प्लाज्मा लेने के बाद उस पर ब्लड ग्रुप अंकित किया जाता है। जिले के बड़े अस्पतालों में प्लाज्मा की व्यवस्था की गई है। जिस व्यक्ति को जिस ब्लड ग्रुप के प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है, उसे प्लाज्मा दिया जाता है।
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