रिपोर्ट :- गजेंद्र रावत


नई दिल्ली :- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर ‘घर-घर राशन' योजना को रोकने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने एक डिजिटल पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि इस योजना को लागू करने की सारी तैयारियां पूरी हो गई थीं और अगले हफ्ते से इसे लागू किया जाना था लेकिन दो दिन पहले केंद्र सरकार ने योजना पर रोक लगा दी।


17 सालों से राशन माफिया के ख़िलाफ़ लड़ रहा हूं: केजरीवाल
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि 75 साल से इस देश की गरीब जनता राशन माफिया का शिकार होती आयी है। उन्होंने कहा कि मैं  17 सालों से राशन माफिया के ख़िलाफ़ लड़ रहा हूँ, इनकी पहुँच ऊपर तक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस आधार पर इस योजना को रोका है कि दिल्ली सरकार ने उससे इसकी मंजूरी नहीं ली। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने ‘घर-घर राशन' योजना के लिए केंद्र सरकार से पांच बार मंजूरी ली है और कानूनन उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं थी, फिर भी उसने मंजूरी ली, क्योंकि वह केंद्र सरकार के साथ कोई विवाद नहीं चाहते थे।

गरीबों के साथ कौन खड़ा होगा?: केजरीवाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में यह योजना सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए, क्योंकि राशन की दुकानें ‘सुपरस्प्रेडर' (महामारी के अत्यधिक प्रसार वाली जगह) हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस देश में अगर स्मार्टफोन, पिज्जा की डिलीवरी हो सकती है तो राशन की क्यों नहीं? आपको राशन माफिया से क्या हमदर्दी है प्रधानमंत्री सर? आप राशन माफिया के साथ खड़े होंगे तो गरीबों के साथ कौन खड़ा होगा? उन 70 लाख गरीबों का क्या होगा जिनका राशन ये राशन माफिया चोरी कर लेते हैं। 

केंद्र सरकार ने आरोपों को किया खारिज
केंद्र सरकार ने आरोपों को 'आधारहीन' करार देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार जिस तरह चाहे राशन वितरण कर सकती है और उसने दिल्ली सरकार को ऐसा करने से नहीं रोका है। केंद्र  की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, ' वे किसी अन्य योजना के अंतर्गत भी ऐसा कर सकते हैं। भारत सरकार अधिसूचित दरों के अनुसार इसके लिए राशन उपलब्ध कराएगी। ऐसा कहना बिल्कुल गलत होगा कि केंद्र सरकार किसी को कुछ करने से रोक रही है।'
 
योजना शुरू करने के लिए तैयार थी केजरीवाल सरकार
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि सरकार अगले कुछ दिनों में योजना शुरू करने के लिए तैयार थी। सीएमओ ने एक बयान में दावा किया कि उपराज्यपाल ने 2 जून को यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि योजना को लागू नहीं किया जा सकता है। उसने कहा, कि उपराज्यपाल ने 2 कारणों का हवाला देते हुए राशन को घर-घर तक पहुंचाने संबंधी योजना के कार्यान्वयन के लिए फाइल को खारिज कर दिया है - एक तो केंद्र ने अभी तक योजना को मंजूरी नहीं दी है और दूसरा अदालत में मामला चल रहा है।’’
 
72 लाख गरीब लाभार्थियों काे मिलेगा लाभ
सीएमओ ने बयान में कहा कि दिल्ली सरकार एक से दो दिनों के भीतर राशन योजना शुरू करने के लिए तैयार थी, जिससे 72 लाख गरीब लाभार्थियों को लाभ होगा। उसने दावा किया कि केंद्र के सभी सुझावों को स्वीकार करने के बाद, दिल्ली सरकार ने 24 मई को उपराज्यपाल को अंतिम मंजूरी और योजना को तत्काल लागू करने के लिए फाइल भेजी थी, जिसे उन्होंने योजना को ‘‘खारिज’’ करते हुए वापस कर दिया।
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