रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- विश्व ब्राह्मण संघ के प्रवक्ता बीके शर्मा हनुमान ने प्रसन्नता जताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा कावड़ यात्रा को अनुमति न देने पर मैं उत्तर प्रदेश सरकार व आदित्यनाथ योगी का दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत वंदन अभिनंदन आभार प्रकट करता हूं 

बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि कुछ समय पूर्व मैंने अनुरोध किया था कि कावड़ यात्रा को अनुमति न दी जाए उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते। हम सभी भारत के नागरिक हैं। यह स्वत: संज्ञान इसलिए लिया गया है क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है। यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है।’’उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि वह कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 'कांवड़ संघों' से बात कर रही है और कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण के महीने की शुरुआत के साथ शुरू होने वाली पखवाड़े की यात्रा अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से हरिद्वार में कांवड़ियों का एक बड़ा जमावड़ा होता है। पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी। 

गौरतलब है कि केंद्र ने न्यायालय से कहा था कि राज्य सरकारों को महामारी के मद्देनजर कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देनी चाहिए और टैंकरों के जरिए गंगा जल की व्यवस्था निर्दिष्ट स्थानों पर की जानी चाहिए। उत्तराखंड सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में इस वार्षिक यात्रा को रद्द कर दिया था जिसमें हजारों शिव भक्त पैदल चलकर गंगाजल लेने जाते हैं और फिर अपने कस्बों, गांवों को लौटते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने समय की मांग देखते हुए कोरोना काल की तीसरी लहर को ध्यान रख कर कांवड़ यात्रा रद्द करके बहुत ही सराहनीय कार्य किया है आप का स्वागतयोग्य क़दम है।

आपका दास बीके शर्मा हनुमान अपने इष्ट मित्रों सहित सभी शिव भक्तों से अनुरोध है कि पूजा-अर्चना घर में ही रहकर करें। विपत्ति काल है, सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें ऐसी कामना करता हूँ । बी के शर्मा ने प्रसन्न मुद्रा में कहा कि अगर बिकी तुम्हारी दोस्ती तो पहले खरीदार हम होंगे तुम्हें खबर न होगी तुम्हारी कीमत की पर तुम्हें पाकर सबसे अमीर हम होंगे दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है दोस्त ना हो तो महफिल भी शमशान है सारा खेल दोस्ती का है ऐ मेरे दोस्तों वरना जनाजा और बारात  एक ही समान है
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