रिपोर्ट :- कुणाल दरगन


हरिद्वार :- मोदी मंत्रीमंडल से हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के निकाल फेंके जाने से भाजपाईयों के ही मन में खुशी के लडडू फूट रहे है, यह चेहरे भले ही भाजपाई है पर इनकी निष्ठा पार्टी में नहीं बल्कि अपने एक विधायक नेता में है। उन्हें खुशी इस बात है कि, उनके नेता के भी नीचे से कुर्सी खींच ली गई थी, अब सांसद जी की कुर्सी ही तोड़ दी गई। विधायक जी के चेले इस खुशी से फूल के कुप्पा हो रहे है, बकायदा सोशल मीडिया पर टिप्पणियां कर नाक मुंह सिकोड़ रहे है, पानी पी पी कर सांसद जी को कोसने में लगे है।

वे भले ही अपने नेता के कुर्सी गंवा देने के मातम से अभी उबरे नहीं है लेकिन सांसद जी की कुर्सी छीन जाने की खुशी को अपने गम के बराबर तोल रहे है। आखिर अपने नेता जी के चुनमुन जो है, उनकी आंखों का प्यारा भी बना रहना है। शाम को कुर्ते की आस्तीनें चढ़ाकर रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत करना है, देखो भाईसाहब मैने भी दो टूक जवाब दे दिया. विधायक जी खुश हो गए तो बल्ले बल्ले, प्यार का अहसास भरा हाथ भी कंधे पर चाहिए। फिर चेले जी तपाक से यह भी बोलेंगे बोलो भाईसाहब अब आगे क्या करना है। इसकी तो ऐसी की तैसी कर देंगे।

मातम यहां भी पसरा है लेकिन पड़ोसी सांसद के घर हुई लूटपाट का आनंद भी लेना है लिहाजा खुशी तो मनानी ही पड़ेगी। अब सांसद जी तो कम से कम क्षेत्र में दिखेंगे, वरना उनका सैर सपाटा तो देश भर में होता है। वह तो शुक्र है, कोरोना के कारण उड़ानें रदद चल रही है, वरना वह तो अब तक कई किताबें देश भर में रिलीज करा चुके होते। उनके चेलों में गम तो है पर वे भी विधायकजी की कुर्सी जाने की सेंक से अपना कंपन  रोकने में जुटे है, चेले भी हाजिर जवाब है बोल रहे है कि हम नहीं तो तुम भी नहीं, ले लो मौज।
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