रिपोर्ट :- अजय रावत


गाज़ियाबाद :- 10 अगस्त को अज्ञात अपराधियों ने डासना मंदिर के महंत स्वामी नरेशानंद को चाकुओं एवम धारधार हथियारों से गंभीर रूप से घायल कर दिया। आनन फानन में लोगों ने पहले उन्हें ग़ाज़ियाबाद के ही एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए जहाँ उन्होंने मरीज की स्तिथि देखकर भर्ती के लिए इनकार कर दिया। उन्होंने तीमारदार उन्हें तुरंत यशोदा अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ले आये। मरीज जब अस्पताल पहुँचे तब उनकी स्तिथि काफी गंभीर थी। मरीज का पेट पूरी तरह से खुला हुआ था एवम सारी आंते बाहर को आ गयी थी एवम धमनियां भी कतई हुई थी। उनकी गले की नसें भी काफी गहराई तक कतई हुई थी व मरीज पल्सलेस एवम बीपीलेस था। मरीज को तात्कालिक प्राथमिक उपचार देकर आपरेशन थिएटर शिफ्ट किया गया। इनका आपरेशन शहर के वरिष्ठ सर्जन डॉ आशीष गौतम एवम वरिष्ठ ई न टी सुर्गवों डॉ नृपेन विश्नोई ने किया। कई घंटों की इस जटिल आपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न कर डाक्टरों ने स्वामीजी को गहन चिकित्सा कक्ष में वेंटिलेटर की सहायता से शिफ्ट कर दिया।

डॉ गौतम ने बताया कि मरीज जब अस्पताल में आया था तो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसके बचने की संभावना लगभग न के बराबर थी। स्वामी जी के अस्पताल में आते ही अस्पताल प्रबंधन ने पैसों की परवाह किया बगैर मरीज का इलाज शुरू कर दिया। आज मरीज का सातवां दिन है और मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा लिया गया है एवम अब मरीज मुँह से तरल एवम सेमिसोलिड आहार लें रहे हैं। उनके स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है और डॉक्टरों का मानना है कि जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ रजत अरोरा ने डॉ गौतम एवम डॉ विश्नोई को इस जटिल आपरेशन को सफलतापूर्वक करने के संदर्भ में ढेरों बधियाँ दी एवम जनपद वासियों को आश्वस्थ किया कि यशोदा अस्पताल की भी प्रकार के गंभीर इलाज के लिए समाज के प्रति कटिबद्ध है। साथ ही उन्होंने इस दुःखद जानलेवा घटना पर खेद व्यक्त किया।
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