◼️पूर्व ओलिंपियन खिलाडियों ने खेल पुस्तकों का विमोचन किया 


रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- स्पोटर्स ए वे ऑफ लाइफ संस्था अब संस्कृत पाठशालाओं व मदरसों को भी खेल से जोडने का अभियान चलाएगी। इसके लिए चलो खेल की धारा कार्यक्रम के तहत संस्कृत पाठशालाओं व मदरसों में पढने वाले बच्चों को खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह जानकारी संस्था के अध्यक्ष व स्पोटर्स रिसर्चर डॉ कनिष्क पांडेय ने हिंदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में दी। कार्यक्रम में सस्ंकृत व उर्दू में लिखीं खेल पुस्तकों का विमोचन पूर्व ओलिंपियन व हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंदए पूर्व ओलिंपियन एम पी सिंहए पूर्व ओलिंपियन जलालुददीन रिजवीए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित आर डी सिंहए जेएनयू के प्रफेसर हरेराम मिश्रए भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शंकर पांडेयए आलोक स्वरूप व हरि मोहन सिंह ने किया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के पुत्र व वर्ष 1975 की विश्व कप विजेता हॉकी टीम के सदस्य अशोक ध्यानचंद ने कहा कि सुविधाओं के साथ खिलाडियों को प्रेरित करना और उनका हौंसला बढाना भी जरूरी है। ओलिपिंक शुरू होने से पहले देश के प्रधानमंत्री ने जिस तरह से खिलाडियों का हौंसला बढायाए उस कारण ही हम टोक्यो ओलिंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाए और सात पदक जीतने में सफल रहे। खेल के एक कार्यक्रम में भाग लेने आए अशोक ध्यानचंद ने कहा कि हमें खिलाडियों को शुरूआत से ही अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। इस काम में स्कूलों को भी आगे आना होगा। हॉकी में हम इसी प्रकार सफलता प्राप्त करते रहेंए इसके लिए उन्हें एस्ट्रो टर्फ की सुविधा देनी होगी। यूपी में हॉकी हरियाणाए उडीसा जैसे राज्यों की अपेक्षा पीछे हैं तो इसका कारण यहां एस्ट्रो टर्फ की सुविधा ना होना है। एस्ट्रो टर्फ लगाना महंगा पडता है। ऐसे में 10-12 स्कूल मिलकर एक एस्ट्रो टर्फ लगा लें तो स्कूली स्तर पर ही खिलाडियों को अपनी छाप छोडने का मौका मिल जाएगा। यूपी सरकार ने मेरठ में खेल यूनिवर्सिटी ने बनाने का निर्णय लिया है। खेल यूनिवर्सिटी बनने से मेरठ ही नहीं आसपास के शहरों के खिलाडियों को भी फायदा होगा और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।
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