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गाजियाबाद :- शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है। इस पर्व को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है और सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर्व विशेष महत्व है। आचार्य दीपक तेजस्वी व ज्योतिषाचार्य हरीश नारायण शुक्ल के अनुसार इस पर्व पर किए गए दान पुण्य कार्यों का फल सामान्य से कई गुना अधिक प्राप्त होता है। इस पर्व सुबह ही गंगा, नर्मदा या किसी पवित्र नदी या किसी जल कुंड में स्नान कर दीपदान, दान, यज्ञ और धार्मिक अनुष्ठान करना चाहिए। इससे कष्टों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि गंगा, नर्मदा आदि जाना संभव ना हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करना चाहिए। 

आचार्य दीपक तेजस्वी व ज्योतिषाचार्य हरीश नारायण शुक्ल ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र व लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ विशेष लाभदायक होता है। इस दिन जहां पितरों की आत्मा की शांति के लिए एक दीपक जलाना चाहिए, वहीं दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए  घर के पूर्व दिशा की ओर मुख करके दीपक जलाएं। साथ ही तुलसी के पौधे के सामने भी अवश्य जलाना चाहिए। इस दिन तुलसी के पत्तों का स्पर्श करने व उन्हें तोडने से बचना चाहिए। आम के पत्तों से बना बंदनवार या तोरण घर के मुख्य द्वार पर लगाना भी शुभदायक होता है।
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