रिपोर्ट :- विकास शर्मा


हरिद्वार :- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह दावा किया है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने जिस कथित अश्लील वीडियो के वायरल होने की डर से खुदकशी की थी। उस वीडियो को 3 लोगों ने देखा था। हालांकि सीबीआई कथित वीडियो को बरामद नहीं कर सकी है। वीडियो देखने वालों में हरिद्वार के 2 और प्रयागराज का एक शख्स शामिल है। इसके अलावा चार्जशीट में दावा किया गया है कि अखाड़ा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष रवींद्र पुरी, महंत और आनंद गिरि के बीच फोन पर चर्चा हुई थी। 

इसी दौरान आनंद ने महंत को धमकाते हुए कहा था, 'उसके पास ऐसा वीडियो है, जिसके इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते ही पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।' चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि महंत ने सितंबर में खुदकशी की है। लेकिन उन्हें कथित वीडियो को लेकर मई माह से ही परेशान किया जा रहा था। इसी धमकी के बाद नरेंद्र गिरि इतने परेशान हुए कि उन्होंने वाराणसी में संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा को फोन करके बताया था कि आनंद गिरि ने एक कंप्यूटराइज्ड वीडियो बनाया है। जिसे वह वायरल करने की धमकी दे रहा है।

यही नहीं महंत नरेंद्र गिरि ने अपने कई शिष्यों और सेवादारों से भी जानकारी ली थी कि क्या कंप्यूटर के जरिए छेड़छाड़ कर आपत्तिजनक वीडियो बनाया जा सकता है। सेवादारों के हामी भरने पर वह बेहद परेशान थे। वे अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगता हुआ देखकर काफी बेचैन हो गए थे।
 महंत की मृत्यु मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने एक ऑडियो बरामद किया है। उसी ऑडियो के माध्यम से यह जानकारी मिली है। जांच एजेंसी ने कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में भी इन तथ्यों का जिक्र किया है।
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