प्रियदर्शिनी 


रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- चार सौ करोड़ से अधिक के लोन फर्जीवाड़े में एसआईटी ने बैंक से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी भी शुरू कर दी है। पहले आरोपी के रूप में एसआईटी ने मंगलवार को पीएनबी की बर्खास्त लोन मैनेजर प्रियदर्शिनी को गिरफ्तार किया है। मूलरूप से बिहार के जिला आरा निवासी प्रियदर्शिनी वर्तमान में थाना साहिबाबाद के वृंदावन ग्रीन राधेश्याम पार्क राजेंद्र नगर में रह रही थी। पुलिस की दबिश पड़ने पर वह थाना बिसरख गौतमबुद्धनगर की अरिहंत सोसायटी में पति के रिश्तेदारों के यहां छिपी हुई थी। जहां छापामारी कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

कविनगर निवासी लक्ष्य तंवर अखबार बांटने का काम करता था, जबकि उसका पिता अशोक कुमार कपड़ों पर प्रेस करता था। 2012 में लक्ष्य तंवर ने बैंक अधिकारियों से साठगांठ कर लोन फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। 2020 तक वह 400 करोड़ से अधिक का लोन फर्झीवाड़ा कर चुका है। इस कार्य में पीएनबी की चंद्रनगर शाखा में तैनात लोन मैनेजर प्रियदर्शिनी ने उसका भरपूर सहयोग किया। लक्ष्य तंवर के खिलाफ 39 केस दर्ज हैं, जिनकी जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। प्रियदर्शिनी भी 9 मुकदमों में आरोपी है। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर बैंक ने करीब दो माह पहले प्रियदर्शिनी को बर्खास्त कर दिया था। अगस्त माह में लक्ष्य तंवर, उसके पिता, चाचा और चचेरे भाई को जेल भेजने के बाद एसआईटी को प्रियदर्शिनी की तलाश थी।

प्रियदर्शिनी के प्रमुख कारनामे
- 30 जुलाई 2018 को कविनगर स्थित कोठी के दो फ्लोर की बिक्री दिखाते हुए लोन मैनेजर प्रियदर्शिनी ने 2-2 करोड़ रूपये के दो डीडी लक्ष्य तंवर की पत्नी प्रियंका तंवर के नाम जारी किए और रकम खाते में ट्रांसफर हो गई। जबकि इस तिथि को प्रियंका का इस संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं था। अगले दिन यानी 31 जुलाई 2018 को लक्ष्य तंवर और उसके पिता अशोक ने दोनों फ्लोर की पावर ऑफ अटॉर्नी प्रियंका के नाम की।
- तीन महीने बाद 24 अक्टूबर 2018 को इन्हीं दोनों फ्लोर की रजिस्ट्री लक्ष्य तंवर के चाचा सुनील व चचेरे भाई शिवम के नाम 72.10 लाख और 71.50 लाख रुपये में दर्शायी गई। जबकि इन दोनों रजिस्ट्रियों को बैंक में 2.75 करोड़ और 2.80 करोड़ रुपये में बंधक रखा गया।
- नेहरू नगर सेकेंड-सी निवासी चरनजीत लाल बग्गा की 8 जून 2007 को मृत्यु हो गई। 2014 में उनके स्थान पर त्रिलोकीनाथ नाम के व्यक्ति को खड़ा कर फर्जी खाता खुलवा दिया गया। खाते में चरनजीत लाल की शिनाख्त लक्ष्य तंवर ने की। चरनजीत लाल की संपत्ति की रजिस्ट्री लक्ष्य तंवर की चाची अलका के नाम की गई। 50 लाख नगद देना दर्शाकर 30 दिसंबर 2014 को डेढ़ करोड़ रुपये चरनजीत लाल के फर्जी खाते में ट्रांसफर हुए। उसी दिन यह रकम लक्ष्य तंवर के खाते में ट्रासंफर हो गई।

अभी इन आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी
लक्ष्य तंवर की पत्नी प्रियंका तंवर, मां रेनू के अलावा शीलू, शीलू की पत्नी अलका, बेटी गौरी बहल, दामाद विशेष बहल, राजरानी कालरा, उसका सूरज कालरा, पुत्रवधू सिंपी भी विभिन्न मुकदमों में आरोपी हैं। बैंक अधिकारियों ने सेवानिवृत्त मैनेजर रामनाथ मिश्रा, उत्कर्ष कुमार, बर्खास्त मैनेजर संजय तितरवे मैनेजर दुर्गा प्रसाद, बर्खास्त लोन मैनेजर प्रियदर्शिनी, लोन मैनेजर तारिक हुसैन भी मुकदमों में आरोपी हैं। सहआरोपियों में वरुण त्यागी, नरेश बग्गा, उसका बेटा दक्ष बग्गा, अनिल भारद्वाज, एसपी कपूर, यासू कौशिक नामजद हैं।

पांच मुकदमों में रिमांड मंजूर
लोन फर्जीवाड़े में गिरफ्तार बर्खास्त लोन मैनेजर प्रियदर्शिनी के खिलाफ 9 केस दर्ज हैं। कोर्ट से पांच केसों में रिमांड मंजूर हो गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। - श्रीवनिवास यादव, विवेचक- एसआईटी
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