रिपोर्ट :- अजय रावत


मेरठ :- उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने महागठबंधन की संयुक्त रैली की। इस दौरान उमड़ी भीड़ को देखकर पार्टी नेताओं ने खुशी जाहिर की। अखिलेश ने रैली को सफल बताया है। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह उमड़ा जन सैलाब बता रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार बनेगी।

बता दें कि जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का ही बोल बाला था। ऐसे में कांग्रेस की पकड़ को तोड़ने के लिये 1970 के दशक में किसान नेता चौधरी चरण सिंह ने जाटों और यादवों जैसी मध्यस्थ जातियों का गठबंधन बनाया था। इसका फायदा भी उन्हें 1974 के चुनाव में मिला और बहुजन क्रांति दल (बीकेडी) 106 सीटें हासिल करके विधानसभा में दूसरे स्थान पर पहुंच गया था। 2002 के चुनाव के बाद वर्ष 2003 में एक बार फिर सपा और रालोद के बीच बने गठबंधन ने मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री बनवा दिया था।

यह गठबंधन 2007 के चुनाव से पहले तक बना रहा। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और रालोद के साथ गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी भी शामिल हो गई थी। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि 2022 के चुनाव के लिये किया गया यह गठबंधन खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनावों को काफी प्रभावित करने वाला होगा। इस क्षेत्र में यादव, जाट और मुस्लिम की बहुलता है जो मिल जाने पर वोटों में परिवर्तित हो सकती है। 
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