◼️बतौर सबूत प्रतिवादी/पीड़ित पक्ष ने पत्रकार वार्ता में डीएमओ अमृता सिंह की ऑडियो क्लिप जारी की


रिपोर्ट :- सुदामा पाल


गाजियाबाद :- नगर कोतवाली में दो दिन पूर्व वक्फ़ की बजरिया स्थित कथित संपत्ति बेचने-खरीदने के आरोप में पूर्व पार्षद सतीश चोपड़ा व अन्य के खिलाफ दर्ज़ हुए मुकदमों को फर्जी मामले बताते हुए प्रतिवादी पक्ष ने जिला अल्प संख्यक अधिकारी व वादी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है।

शनिवार को एक प्रेस वार्ता में पीड़ितों ने कहा कि जिला अल्पसंख्यक अधिकारी अमृता सिंह खुद ही भूमि खरीदने वालों को फोन करके उनसे निर्माण कार्य करने को कहती हैं। अमृता सिंह अनुरोध करती हैं कि बस वे उनकी कहीं शिकायत न करें। इतना ही नही निर्माण कार्य के दौरान पुलिस आने की स्थिति में वे स्थानीय विधायक व राज्य मंत्री अतुल गर्ग से फोन करवाकर पुलिस कार्रवाई न होने देने का भी आश्वासन देती है। 

प्रतिवादी पक्ष ने आरोप लगाया कि मनचाहा 'सुविधा शुल्क' न मिलने पर जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने दूसरे पक्ष से उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ करायी है। प्रतिवादी पक्ष ने बतौर सबूत पत्रकार वार्ता में डीएमओ अमृता सिंह की ऑडियो क्लिप भी जारी की, जिससे उनकी यह मंशा जाहिर होती है।

इस प्रकरण में वक्फ़ संख्या-925,गाजियाबाद के मुतवल्ली/सचिव अतहर कमाल उर्फ़ समीर शाही ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर डीएमओ अमृता सिंह द्वारा किये फर्जीवाड़े के खिलाफ आवाज़ उठाने पर निजी तौर पर रंजिश रखने व भू-माफ़िया नसरुद्दीन व वसीमुद्दीन, नदीमुद्दीन व हिस्ट्रीशीटर नाज़िम के खिलाफ दिये शिकायती पत्र पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए उनको निलंबित करने की मांग की है।

इनके अलावा दुकान नंबर-105 वक्फ़ इस्माईलिया रेलवे रोड़ गाजियाबाद के स्वामी राजेन्द्र कुमार ने कहा कि जिन लोगों सौरभ उर्फ रमन व इसके भाई जमील उर्फ़ चमन पुत्र आफाक खान ने जमीन संबंधी शिकायत की है, उनके सरीयत के अनुसार बैनिफिशरी समाप्त हो चुके है। नियम के अनुसार ये शिकायत केवल वक्फ़ बोर्ड के सचिव के समक्ष कर सकते हैं। उन्होंने भी पत्र लिखकर सारे मामले की जिलाधिकारी से जांच की मांग की है।

प्रेस वार्ता में वैभव चोपड़ा, समीर, प्रतिवादी की पत्नी व अन्य उपस्थित थे।
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