◼️नवंबर में होंगे निकाय चुनाव, करीब डेढ़ माह पहले लागू हो जाएगी आचार संहिता


सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻

गाजियाबाद :- विधानसभा चुनाव के बाद अब राजनीतिक दल इसी साल फिर से मतदाताओं की कसौटी पर परखे जाएंगे। नवंबर में नगर निकायों के चुनाव होने हैं। चुनाव से करीब 45 दिन पूर्व आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में अब जनता के बकाया काम करने के लिए मेयर, पार्षदों के लिए महज 6 माह बचे हैं। पार्षदों को इन बकाया कार्यों को लेकर चिंता सताने लगी है।

नाली, सड़क, सीवर, पानी आपूर्ति समेत स्थानीय मुद्दों से भले ही विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों से सीधा सरोकार न हो, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्र की जनता ने यह मुद्दे जोर शोर से उठाए हैं। खासतौर से विजयनगर के लाइनपार क्षेत्र, राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र, नंदग्राम, खोड़ा और अन्य क्षेत्रों में यह मुद्दे हावी रहे हैं। ऐसे में अब निकाय चुनाव से पहले नगर पालिकाओं और नगर निगम के जनप्रतिनिधियों को इन मुद्दों पर काम करना होगा। विजयनगर क्षेत्र में पानी, सफाई, जल निकासी का बड़ा संकट है। वहीं कैला भट्ठा क्षेत्र में विकास कार्य न होना, पीएसी चौक पर फव्वारे का अटका निर्माण कार्य, सीवर और नालों की सफाई बड़ा मुद्दा बन सकता है।

सीवर मेंटेनेंस का काम निजी कंपनी के हाथों में दिए जाने के बाद से शहर में सीवर ओवरफ्लो की समस्या ज्यादा बढ़ी है। नंदग्राम, धूकना, कैला भट्ट्ठा, विजयनगर, प्रताप विहार, सुदामापुरी, संजय नगर, हिंडन विहार, वसुंधरा, वैशाली, राजेंद्र नगर समेत अधिकांश कॉलोनियों में सीवर जाम की समस्या है। क्षेत्र के लोगों की शिकायत पर पार्षद कंपनी के कर्मचारियों को कॉल करते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती। निजी कंपनी के लोग अधिकारियों के निर्देशों को भी अनसुना कर रहे हैं। ऐसे में यह दिक्कतें निकाय चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकती हैं।
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