रिपोर्ट :- नासिर खान

लखनऊ :- बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को एक बार फिर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि “जो खुद मुख्यमंत्री बनने का अपना सपना पूरा नहीं कर सकते तो फिर वह दूसरों का प्रधानमंत्री बनने का सपना कैसे पूरा करेंगे।” उन्होंने यह भी दावा किया कि सपा अध्यक्ष का उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता है।

बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “सपा मुखिया यूपी में मुस्लिम व यादव समाज का पूरा वोट लेकर तथा कई-कई पार्टियों से गठबंधन करके भी जब अपना सीएम (मुख्यमंत्री) बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, तो फिर वो दूसरों का पीएम (प्रधानमंत्री) बनने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं?” गठबंधन कर 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ चुकी बसपा और सपा के प्रमुखों के बीच इन दिनों जुबानी जंग चल रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को मैनपुरी में संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, “बसपा ने उत्तर प्रदेश चुनाव में अपना वोट भाजपा को हस्तांतरित कर दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा मायावती को राष्ट्रपति बनाती है या नहीं।” 

बृहस्पतिवार को मायावती ने विधानसभा चुनाव में मदद के एवज में भारतीय जनता पार्टी द्वारा उन्हें राष्ट्रपति बनाए जाने संबंधी अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया और कहा, “मैं अपनी जिंदगी में फिर से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने और आगे चलकर देश की प्रधानमंत्री बनने का ही सपने देख सकती हूं लेकिन देश का राष्ट्रपति बनने का सपना मैं कभी भी नहीं देख सकती।” मायावती के इस बयान के कुछ ही घंटों बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह भी यही चाहते थे और पिछली बार (2019 आम चुनाव में) इसीलिए उनकी पार्टियों का गठबंधन बनाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनका गठबंधन जारी रहता, तो बसपा और डॉ. भीम राव आंबेडकर के अनुयायियों ने देखा होता कि कौन प्रधानमंत्री बनता।

शुक्रवार को मायावती ने ट्वीट के जरिये अखिलेश यादव के बयान को बचकाना करार देते हुए कहा, “जो पिछले लोकसभा चुनाव में, बीएसपी से गठबंधन करके भी, यहां खुद पांच सीटें ही जीत सके, तो फिर वो बीएसपी की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बंद करना चाहिये।” मायावती ने दोबारा यह दावा किया, “मैं आगे सीएम व पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर व उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूं।” साथ ही यह कहा कि “अब यूपी में सपा (अध्यक्ष) का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है।” उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़ीं जिसमें सपा को पांच और बसपा को 10 सीटों पर जीत मिली थी। 
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