रिपोर्ट :- ऋषभ चौहान

हरिद्वार :- कहते है देश मे पत्रकारिता को चौथा स्तंभ कहा जाता है, ओर एक पत्रकार अपनी कलम से लोगो को जागरूक कर सही रास्ता दिखाने का काम करता है, पर उस पत्रकार को क्या मालूम होता है कि जिस रास्ते पर वह चल रहा है, वो उसके व उसके परिवार के लिए खतरा बन जाता है। आखिर क्यों देश की राज्य सरकारें पत्रकरों पर हो रहें अत्याचारों पर अंकुश नहीं लगा पा रही हैं।

वही बड़ी-बड़ी बातें करने वाले राज्य सरकार पत्रकारों के हितों में बोलकर उसके बाद आंखें बंद कर बैठ जाती है, और पत्रकार को स्वंयम अपनी लड़ाई लड़कर न्याय मिलने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है। जी हां एक ऐसा मामला हरिद्वार धर्मनगरी से जुड़ा है, जहां वरिष्ठ पत्रकार को 8 महीने बीत जाने के बाद भी ना तो इंसान मिला है और ना ही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई  कार्रवाई हुई है। 

आपको बताते चलें कि हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार को मानसिक, शारीरिक व गंभीर यातनाएं देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 8 माह बीतने पर भी कोई कार्यवाही ना होने पर वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री व राष्ट्रपति को पत्र भेजकर दोषी पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कराने तथा इनकी संपत्ति से वसूली कर मुआवजा दिलाने के साथ सीसीटीवी फुटेज के साक्ष्य मिटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वरिष्ठ पत्रकार ने सोमवार 23 मई 22 को डाक द्वारा शिकायती पत्र भेजकर पत्रकार ने न्याय दिलाने की मांग की। 

आपको बताते चलें की घटना 6 अगस्त 2021 कोतवाली हरिद्वार नगर में भ्रष्ट अधिकारियों ने एक साथ होकर वरिष्ठ पत्रकार को गंभीर यातनाएं दी थी, पुलिस अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच सीबीआई से पत्रकार ने पत्र भेजकर की है।
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