रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- संगीत के क्षेत्र में निरंतर सराहनीय योगदान देने के लिए एवं अनेकों उपलब्धियां हासिल करने के लिए गाजियाबाद ,नेहरू नगर निवासी रचना वार्ष्णेय को फरीदाबाद (एनसीआर दिल्ली) की संस्था  "मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड्स " की तरफ से संस्था के चेयरमैन डॉ. सी. पी. यादव, (इंडियास गॉट टैलेंट के प्रतिभागी जादूगर एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ) और डाॅ. सुरेंद्र कुमार रोहिल्ला के द्वारा डॉक्टरेट सम्मान" से सम्मानित किया गया।

जिसके लिए विद्यालय के प्रबंधक अजय गोयल व प्रधानाचार्य पूनम शर्मा ने उन्हें बहुत-बहुत बधाइयां दी। इससे पहले भी रचना वार्ष्णेय गत वर्षो में संगीत और नृत्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता रह चुकी हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से गायन में  परास्नातक (गोल्ड मेडलिस्ट) कर ,साथ में गांधर्व संगीत महाविद्यालय (पजी.) गाजियाबाद  द्वारा स्वर्गीय डॉक्टर विमला गुप्ता के सानिध्य में गायन में विशारद और तरुण गोयल के सानिध्य में तबले में प्रवेशिका पूर्ण कर, पिछले 23 वर्षों से "श्री ठाकुर द्वारा बालिका विद्यालय" में संगीत विषय की एच.ओ.डी व एक्टिविटी इंचार्ज के रूप में कार्यरत है। 

इन वर्षों में उन्होंने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनका श्रेय वह अपने परिवार जन ,गुरुजनों व विद्यालय के प्रबंधक अजय गोयल व प्रधानाचार्य पूनम शर्मा को देती हैं।  वह बताती हैं कि विद्यालय के प्रबंधक अजय गोयल ने हमेशा उनके कार्य को सराहा है, हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। बचपन से ही संगीत में विशेष रूचि होने के कारण उन्होंने अनेकों कार्यक्रमों में भाग लिया और अनेकों प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की। गायन के साथ साथ नृत्य उनकी रग-रग में बसा है। शादी के बाद उनकी ससुराल व पति कृष्ण कुमार वार्ष्णेय ,आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ ,जिससे उनकी कला को और बढ़ावा मिला। 

जहां एक तरफ वो छात्राओं को संगीत की शिक्षा देती रही, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपनी कला द्वारा दिन पर दिन अनेक उपलब्धियां हासिल की।  संगीत कला को निरंतर आगे बढ़ाते हुए अनेकों कार्यक्रमों में "मुख्य अतिथि" के रूप में व अनेकों प्रतियोगिताओं में "मुख्य निर्णायक" के रूप में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं। विद्यालय इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। वह मानती हैं कि "कला की कोई सीमा नहीं, जितना सीखो उतना ही कम है" इसलिए निरंतर उनकी सीखने की कोशिश रहेगी और संगीत के क्षेत्र में अपना योगदान देती रहेंगी ।
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