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गाजियाबाद :- आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि श्रावण पूर्णिमा गुरूवार 11 अगस्त को हैं। अतः रक्षाबंधन का पर्व उसी दिन मनाना उचित होगा। कुछ लोगों  का कहना है कि उस दिन भद्रा के कारण रक्षाबंधन नहीं मनाई जा सकती है, मगर यह सही नहीं है। 11 अगस्त को चंद्रमा मकर राशि में रहेगा,  जिससे भद्रा का वास पाताल लोक में होगा। पाताल लोक में भद्रा के रहने से शुभ फलदायी रहेगी। 

अतः सभी बहनें अपनी सुविधा के अनुसार अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि मुहुर्त्त चिन्तामणि के अनुसार जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है। चंद्रमा जब मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में रहता है। 

चंद्रमा के कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में होने से भद्रा पाताल लोक में होती है। भद्रा जिस लोक में रहती है वही प्रभावी रहती है। 11 अगस्त को भद्रा के पाताल लोक में होने से वह शुभ रहेगी। अतः बिना किसी भय के गुरूवार को पूरे दिन उल्लास व आनंद के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।
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