रिपोर्ट :- वेद प्रकाश चौहान
उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- बच्चों के मामूली विवादों को हाईटेक बनाने में लगी हुई है। चाहें पत्रकारों के बच्चों का विवाद हो या व्यापारी और अधिवक्ताओ के बच्चों का मामला हो। यहां चर्चा का विषय बनता जा हुआ है।
गत वर्ष पत्रकार को भी ऐसे संगीन धाराओं में पुलिस ने बिना जांच के द्वेष भावना रखकर फंसाया था। यह हाल पुलिस ने वरिष्ठ अधिवक्ता के पुत्र को संगीन धाराओं में फंसाया है। जैसे यह बहुत बड़े अपराधी हो।
सम्भ्रांत परिवार के बच्चों को पुलिस अब अपराधी बनाने लगी है। समाजिक कार्यकर्त्ता ने प्रधानमंत्री, न्याय पालिका, मानवाधिकार आयोग से मांग की हैं। बिना जांच पड़ताल के ऐसी संगीन धाराओं में बच्चों के उपर मुकदमें दर्ज न करे।