रिपोर्ट :- वेद प्रकाश चौहान

हरिद्वार :- पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त निरीक्षक ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में हरिद्वार शहर के भू-माफियाओं एवं हाईडल विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर मिलीभगत कर उसे मानसिक परेशान व उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है। प्रेस को जारी एक विज्ञ‌िप्ति में सेवानिवृत्त निरीक्षक ने आरोप लगाया कि भूमाफिया एवं हाईडल विभाग के लापरवाही से वह दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। सेवानिवृत्त निरीक्षक आलम सिंह रावत ने बताया कि वह विधायकों से लेकर सांसद तक अपनी पीढा दर्ज करा चुकें हैं, बावजूद इसके अभी तक किसी ने भी उनकी कोई मदद नहीं की है, जिसके चलते वह काफी परेशान हैं। 

उन्होंने आगे बताया कि विगत दिनांक भूमाफियों की मिली भगत से विद्युत विभाग ने भूमाफियों की खाली प्लाट संख्या 76 में पूर्व से 33 के0वी0 की विद्युत लाईन गुजर रही है जो वर्षों पुरानी है जिसे वर्तमान में मेरे भूखण्ड संख्या 150 टिहरी विस्थापित कालोनी रानीपुर हरिद्वार से सटाकर जिसमें मेरा होमस्टे निर्मित है, जिसमें यात्रियों का रोज आना जाना लगा रहता है व छत पर यात्री व बच्चे घुमते रहते है जिससे यह लोग 33 के0वी0 की हाई टेंशन की लाईन के चपेट में आ सकते है, क्यो कि यह लाईन मेरी छत से सटाकर लगायी जा रही है।

मै उक्त के सम्बन्ध में बिजली विभाग के अधिकारियों को लिखित में सूचना दे चुका हूं लेकिन उसके उपरान्त भी भूमाफियों के दबाव में यह लाइन नही हटायी है, महोदय में 37 वर्षों तक यू०पी० व उत्तराखण्ड में अपनी सेवायें दे चुका हूँ, व कई सराहनीय कार्य किये है जिसका एक उल्लेख करना आवश्यक समझता हूँ।

वर्ष 1987 मे मेरी तैनाती भारत चीन सीमा की दुर्गम चौकी पर थी एक दिन अचानक चीनी सेना की टुकड़ी भारत की सीमा पर घुसपैठ करने लगी जिसकी सूचना मैंने तत्तकाल बिग्रेड कमांडर आर्मी जोशी मठ को व अपने सेक्टर कमांडर जोशी मठ को इसकी सूचना दी, उक्त दोनो अधिकारियों ने मुझे निर्देश दिये कि जब तक सेना व अन्य बल सीमा पर नहीं पहुंचे तब तक किसी भी दशा में चीनी सेना को आगे आने ना दिया जाये।

मैं उन दिनों पोस्ट रिमखिम जिला चमौली के भारत चीन सीमा पर पोस्ट कमांडर था, मेरे पोस्ट की उंचाई लगभग 15000 फीट की ऊँचाई पर थी। मैने अधिकारियों के आदेश को पालन करते हुये 5 फीट पडती बर्फ मे हाथ मे सफेद ध्वज लेकर 2 किलो मीटर पैदल चलकर चीनी सेना के करीब पहुंचा व उनको वापस जाने के लिये कहां जिस पर वह वापस चले गये मैने अपनी जान से अधिक देश की सीमा की सुरक्षा के लिये उचित समझा उनके वापस जाने पर मैने सम्बन्धित सेना व पुलिस के अधिकारियों को अवगत करा दिया, मेरे साहसिक कार्य पर बिग्रेड कमांडर जोशी मठ व सेनानायक स्पेशल फोर्स मुरादाबाद ने नगद पुरुस्कृत किया व मेडल देने की संस्तुति की जिसका उल्लेख मेरी सेवा के चरित्र पंजिका मे दर्ज है।

महोदय, देश की सुरक्षा के लिये मैंने अपनी जान की बाजी लगा दी लेकिन मुझे खेद है कि कुछ भूमाफिया व बिजली विभाग मुझे 69 वर्ष के बुर्जुग को दर दर की ठोकरे खाने के लिये मजबूर कर रहे है। मीडिया के सभी बन्धुओ से प्रार्थना है कि मेरा सहयोग करे व जो भू माफिया इस तरह का कार्य कर रहे है अपनी आवाज से शासन प्रशासन को अवगत कराये यही आप से अपेक्षा है।
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