रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड :- हरिद्वार में कांवड़ मेला कुशलता के साथ संपन्न होने के उपरांत आगामी 31 अगस्त से शुरू होने वाले गणेश उत्सव की तैयारियां जोर शोर से आरंभ हो गई है। गणपति महोत्सव में प्रशासन द्वारा गंगा जी में मूर्ति विसर्जन के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। हरिद्वार में भी कई स्थानों पर गणपति की मूर्ति पूजा पाठ व विधि विधान के साथ मूर्ति स्थापित कर गणपति महोत्सव का शुभारंभ किया जाता है 11 दिन तक चलने वाले गणपति महोत्सव में भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान के साथ 11 दिन तक उनकी पूजा संपन्न होने के उपरांत उन्हें आस्था के साथ विदा कर विसर्जित किया जाता है।                                      
तीर्थ नगरी में अब गणपति मूर्ति का विसर्जन गंगा में नहीं होगा। इसके लिए जिलाधिकारी ने नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें नगर निगम को अलग से मूर्ति विसर्जन हेतु पॉइंट बनाने के निर्देश दिए। नगर निगम द्वारा चिन्हित पॉइंट्स पर गंगाजल को भरवा कर उनमें मूर्ति विसर्जन किया जा सकेगा। प्रशासन द्वारा समुचित व्यवस्थाओं का ध्यान कर ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है। जहां भक्त लोग आस्था के साथ अपनी-अपनी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर सके। गणेश प्रतिमाओं का निगम द्वारा चिन्हित स्थानों पर ही विसर्जन किया जा सकेगा। गंगा नदी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करने वालों के ख़िलाफ़ शासन सख्त कार्यवाही अमल में लाएगा।
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