रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष बीके शर्मा हनुमान ने लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि विश्‍व प्राथमिक चिकित्‍सा दिवस हर साल मनाया जाता है, लेकिन हर सितंबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरूआत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेट क्रिसेंट सोसाइटी ने 2000 में की थी। इसके बाद से हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है। 

इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य है लोगों को अधिक से अधिक प्राथमिक चिकित्‍सा के बारे में जागरूक करना। ताकि आए दिन होने वाले हादसे, सड़क दुर्घटना या अन्‍य हादसे में गंभीर चोट लगने, अधिक खून बहने पर लोगों की मदद की जा सकें। इस दिवस के माध्‍यम से हर साल लोगों को इसका महत्‍व, इसके फायदे, प्राथमिक चिकित्‍सा की जरूरत और घर में फर्स्‍ट एड बॉक्‍स को रखने को लेकर जागरूक किया जाता है फर्स्‍ट एड यानी पहली मदद। फर्स्‍ट एड का मतलब होता है किसी घायल व्‍यक्ति को मेडिकल हेल्‍प मिलने से पहले दी जाने वाली मदद। कई लोग प्राथमिक उपचार नहीं मिलने पर भी अपना दम तोड़ देते हैं। 

ऐसा अक्‍सर तब होता है जब शरीर से खून अधिक बहने लगता है। इस स्थिति में खून को बहने से रोकना, घाव होने पर उस पर मरहम, पट्टी करना इंसान की जान बचा सकता है। हर साल एक थीम तय की जाती है। 'प्राथमिक उपचार और सड़क सुरक्षा'। क्‍योंकि सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक मौत होती है। फर्स्‍ट एड बॉक्‍स में मुख्‍य रूप से कॉटन, बैंडेज, बैंडेड, कैंची, मेडिकली प्रिसक्राइब्ड क्रीम, हैंड सैनिटाइजर और पैन किलर मेडिसिन। वहीं ओनली माई हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक खून पतला करने की मेडिसिन भी जरूर रखें। जिससे हार्ट के मरीजों को दवा दी जा सकें।
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