रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड :- हरिद्वार नगरी में गंगा बंदी के दौरान विगत कई वर्षों से गंगा को घाटों की सफाई हेतु गंगा को 20 दिनों के लिए बंद कर कार्य को निष्पादित किया जाता है। गंगा नहर की सफाई का उक्त कार्य सिंचाई विभाग द्वारा उन किया जाता है।                                         

नहर की मरम्मत और घाटों की सफाई के कार्य हेतु पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी अक्टूबर माह में सिंचाई विभाग द्वारा 5 तारीख से 24 तारीख तक 19 दिनों के लिए गंगा नहर को बंद किया गया है। लेकिन 1 सप्ताह से ज्यादा बीत जाने के उपरांत भी गंगा की सफाई व मरम्मत का कार्य कहीं भी शुरू होता दिखाई नहीं दे रहा है। गंगा नहर के घाटों पर गंदगी के अंबार लगे हुए हैं। 

मात्र कागजों में ही सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा कार्य को निष्पादित कर लाखों रुपए के गंगा सफाई बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है। गंगा बंदी के दौरान गंगा में तमाम घाटों किनारे गंदगी बिखरी हुई पड़ी हुई है। ऐसे में गंगा बंदी का औचित्य क्या रह जाता है। मात्र चंद दिनों में क्या गंगा की सफाई सिंचाई विभाग कर पाएगा। ऐसे में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मां गंगा की सफाई समय पर हो पाएगी इसमें संदेह है।
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