◼️चक्रानुक्रम के आधार पर आरक्षण, 21 सीटें ओबीसी, 14 फीसदी एससी-एसटी के लिए होंगी आरक्षित



सिटी न्यूज़ | हिंदी......✍🏻

गाजियाबाद :- नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज गया है। ओबीसी वर्ग की आबादी की गणना लिए शुरू किए गए रैपिड सर्वे के पूरा होने के बाद अब वार्डो का आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अधिकारियों को चक्रानुक्रम के आधार पर वाडों का आरक्षण तय कर 4 नवंबर तक रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से नगर विकास विभाग को रिपोर्ट भेजनी है।

गाजियाबाद नगर निगम में 100 वार्ड हैं। इनमें से 14 वार्ड ओबीसी और 7 वार्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किए जाएंगे। एससी-एसटी के लिए कुल 14 वार्ड आरक्षित रहेंगे और इनमें से 5 वार्ड एससी महिला के लिए आरक्षित होंगे।
अपर नगरायुक्त अरुण कुमार ने बताया कि 2011 की जनगणना के आधार पर चक्रानुक्रम के फार्मूले से वार्ड आरक्षण तय किया जाएगा। इससे पूर्व के चुनाव में जिन सीटों पर एससी, ओबीसी वर्ग के पुरुष या महिला ने चुनाव लड़ा था, इस बार आरक्षण बदल जाएगा।

वहीं 22 वार्डों को सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए और 43 वार्ड अनारक्षित होंगे। इन अनारक्षित वार्डों में किसी भी वर्ग के प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे। इसी तरह नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में भी ओबीसी व एससी-एसटी के लिए तय मानकों के आधार पर वार्ड आरक्षित किए जाएंगे। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की ओर से शासनादेश जारी कर सभी डीएम को वाडों का आरक्षण तय कराने के निर्देश दिए हैं। 2017 के चुनाव में किसी वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड को इस बार उसी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है। कि जिन वार्डों में मतदाताओं की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है, उनको नया नए सिरे से आरक्षण तय किया जाएगा।

कई पार्षद नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
वाडों का आरक्षण तय होने के बाद अनुमान है कि राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे। आरक्षण बदल जाने के कारण करीब 50 फीसदी पार्षद चुनाव नहीं। लड़ सकेंगे। इसकी वजह से मौजूदा पार्षदों में बेचैनी बढ़ गई है। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। आरक्षण बदल जाने की वजह से अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है।
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