रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- एमएमएच कॉलेज के सांस्कृतिक सप्ताह 'आशाएं' के आयोजन के क्रम मे 23 मार्च शहीदी दिवस के अवसर पर शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए नाटक एवं एकल अभिनय प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में राष्ट्र प्रेम एवं सामाजिक समस्याओं पर केंद्रित दस नाट्य प्रस्तुति की गईं। स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन को मार्मिक ढंग से रंगमंच पर प्रस्तुत किया गया। विभिन्न सामाजिक समस्याओं को बेहद संवेदनशील तरीके से नाटकों के माध्यम से अभिव्यक्ति मिली। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो डॉ पीयूष चौहान ने की।
निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध नाट्यकर्मी कृष्ण लाल वर्मा, संस्कृतिकर्मी निवेदिता शर्मा तथा डॉ संजीत प्रताप सिंह रहे। कृष्ण लाल वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैसी प्रतिभा आज महाविद्यालय के रंगमंच पर दिखी है अगर इन्हें थोड़ा भी सही निर्देशन मिले तो यह राष्ट्र में गाजियाबाद का नाम रौशन कर सकते हैं। निवेदिता शर्मा ने प्रतिभागियों के अभिनय कौशल की सराहना की और अपनी कविताओं के माध्यम से प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन किया।
इस प्रतियोगिता में वरुण तोमर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता एवं कुमारी तनु को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला।
जबकि एकल अभिनय में 'मदन लाल धींगरा', 'सुनो कहानी' एवं 'झांसी की रानी' नाटक को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। नाटकों में 'विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार', और 'दुर्गा भाभी' नाटक को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल हुआ। जबकि मोबाइल एवं सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव विषय पर केंद्रित नाटक 'एक लोटा दूध' द्वितीय स्थान पर रहा। प्रथम स्थान परिवारों में बुजुर्गों की स्थिति पर केंद्रित नाटक 'कहानी घर घर की' को प्राप्त हुआ।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ क्रांति बोध ने किया तथा परिषद की समन्वयक प्रो रीना सिंह ने निर्णायक के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में डॉ केशव कुमार, डॉ प्रभा रानी, डॉ दीप्ति रानी, डॉ हेमेंद्र कुमार, डॉ विनीता धीरन, डॉ अजीत सिंह, डॉ गीता शर्मा, डॉ धर्म सिंह, डॉ रेनू त्यागी, डॉ अनिरुद्ध भार्गव, डॉ वंदना द्विवेदी, डॉ परितोष मणि, डॉ संजय मिश्रा, डॉ प्रकाश चौधरी, डॉ जमुना प्रसाद सहित विभिन्न विद्वान प्रोफेसर तथा भारी संख्या ने छात्र- छत्राएँ उपस्थित रहे।