रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने होशियारपुर स्थित कामाक्षी धाम में ब्रह्मलीन स्वामी कृष्ण गिरी जी महाराज की पावन स्मृति में चल रहे वार्षिकोत्सव में माँ बगलामुखी महायज्ञ व संत सम्मेलन में धाम के श्रीमहंत श्री श्री 1008 राजगिरि जी महाराज के पावन सानिध्य में माँ बगलामुखी की शक्तियों के बारे में विस्तार से भक्तगणों को प्रवचन दिया।

माँ बगलामुखी की शक्तियों के विषय मे बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि भक्तगणों के लिये माँ बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान है जो उनकी सभी सात्विक मनोकामनाओ की पूर्ति करने में सक्षम है।सनातन धर्म मे माँ बगलामुखी को श्री,विजय और सद्बुद्धि की देवी माना जाता है। महादेव के साथ इनकी साधना से मनुष्य अपने हर तरह के शत्रुओं को पराजित करने योग्य बनता है और सद्बुद्धि, ऐश्वर्य,शक्ति और दीर्घायु सहित विजय को प्राप्त करता है।भगवान परशुराम इस पृथ्वी पर पहले साधक थे जिन्होंने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त की।भगवान परशुराम ने माँ बगलामुखी साधना का रहस्य भगवान श्रीराम,योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित अपने पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण व दानवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओ को बताया।महापराक्रमी इंद्रजीत मेघनाथ सहित दशानन रावण और कुम्भकर्ण भी माँ बगलामुखी और महादेव के ही उपासक थे।सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी सनातन धर्म के प्रमुख योद्धाओ ने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना और भक्ति से ही स्वयम को महान बनाया है।

उन्होंने यह भी कहा कि आज सनातन धर्म जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है,उस संकट को आध्यात्मिक ऊर्जा के बिना समाप्त नहीं किया जा सकेगा।आज सनातन धर्म के मानने वालों को ऐसी ऊर्जा माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से ही मिल सकती है।
महायज्ञ में भाग लेने हिमाचल प्रदेश से आये यति सत्यदेवानंद जी महाराज ने कहा कि सभी हिन्दुओ को अपने हर तरह के व्यक्तिगत, जातिगत,संस्थागत, दलगत तथा राजनैतिक स्वार्थों और मतभेदों को भुलाकर महायज्ञ में सम्मिलित होना चाहिये।हम सभी को समझना ही पड़ेगा कि सनातन धर्म की रक्षा से ही मानवता की रक्षा होगी और मानवता की रक्षा से ही हम सबका अस्तित्व बचेगा।
उन्होंने सभी हिन्दुओ से इस महान अनुष्ठान में तन,मन और धन से साथ देने और सहयोग करने का आह्वान किया।
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