◼️भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होगी

◼️श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन मास में लाखों श्रद्धालु करेंगे जलाभिषेक

◼️मंदिर में सावन मास की विशेष तैयारियां की जा रही हैं
 


रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में हर वर्ष सावन मास देश भर से लाखों श्रद्धालु भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करने आते हैं। इस बार सावन मास 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। मंदिर में सावन मास को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि इस बार का सावन मास बहुत खास है क्योंकि इस बार सावन का महीना एक नहीं दो महीने का होगा और इस बार सावन सोमवार भी 8 रहेंगे। ऐसा शुभ संयोग 19 वर्ष बाद बना है। इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहने वाला है। यानी इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा, जिससे सावन में भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी। सावन मास 4 जुलाई से 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलने वाले हैं। 

श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को होगा। इसके बाद 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त व 28 अगस्त को सावन का सोमवार रहेगा। 15 जुलाई को त्रयोदशी व 16 जुलाई को चतुर्दशी व शिवरात्रि का पर्व होगा। रविवार की रात्रि 1 बजे से जलाभिषेक चढना शुरू होगा
विश्व संवाद श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मन्दिर गाजियाबाद के सम्पर्क सचिव अमित कुमार शर्मा ने बताया कि मंदिर में सावन मास खासकर सावन के सोमवार को देश भर के श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं। इस बार भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे, इसी के चलते मंदिर में जलाभिषेक की विशेष तैयारियां की जा रही हैं। सावन सोमवार के लिए जलाभिषेक का सिलसिला रात्रि 1 बजे से ही शुरू हो जाएगा।  

सावन मास में प्रातः 3 बजे से प्रातः बजे तक मंदिर के कपाट श्रृंगार के लिए बंद रहेंगे। अपरान्ह 11.30 बजे से 12 बजे तक भोग, सांय 7 से 8 बजे तक आरती व रात्रि 8.30 बजे से रात्रि 9 बजे तक भोग के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। प्रत्येक सोमवार को विशेष श्रृंगार व आरती के लिए मंदिर के कपाट सांय 6.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक बंद रहेंगे।
शिवरात्रि का जल 15 जुलाई को रात्रि 8.30 बजे से चढना शुरू होगा। मंदिर में शनिवार 15 जुलाई को प्रातः 6 बजे से त्रयोदशी का जल चढना शुरू होगा। चर्तुदशी व शिवरात्रि का जल शनिवार 15 जुलाई को रात्रि 8.30 बजे से रविवार 16 जुलाई की रात्रि 10 बजे तक चढेगा।
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