रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में महान क्रांतिकारी, कठोर परिश्रमी, निर्भीकता की प्रतिमूर्ति, विकट परिस्थितियों में संघर्ष करने वाले अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जन्म जयंती का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ड़ा0 विशन लाल गौड़ रहे, अध्यक्षता ड़ा0 सभापति शास्त्री ने की, मुख्य वक्ता शिक्षाविद समाजवादी चिंतक राम दुलार यादव भी समारोह में शामिल रहे, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव, संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया, कार्यक्रम को रामप्यारे यादव, चंद्रबली मौर्य ने भी संबोधित किया, विष्णु जैन, पंडित विनोद त्रिपाठी ने गीत प्रस्तुत किया, वार्ड 85 के पार्षद प्रमोद राघव के नेतृत्व में शहीद चन्द्रशेषर पार्क, शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव पार्क में प्रदूषण से मुक्ति के लिए वृक्षारोपण किया गया, इस अवसर पर मणिपुर में बेटियों के साथ जघन्य अपराध, अनाचार, निर्मम हत्या, उनके परिजनों को मौत के घाट उतार देने की हृदय विदारक घटना की घोर निंदा की गयी, तथा वर्तमान सरकार से मांग की गयी अतिशीघ्र मणिपुर में शांति स्थापित कर वातावरण को प्रदूषित करने वाले आततायियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें , 2 मिनट का मौन रखकर आक्रोश व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी चिंतक राम दुलार यादव ने कहा कि 23 जुलाई 1906 में अत्यंत निर्धन परिवार में जन्मे चन्द्रशेखर आजाद जन्म से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे, जब वह बनारस में संस्कृत विद्यालय में अध्ययनरत थे, तभी उनमें देश को गुलामी से आजाद कराने की ज्वाला धधक रही थी,वे हिंदुस्तान रिपब्लिकन ऐसोशिएसन में शामिल हो गए, बाद में चन्द्रशेखर आजाद और भगत सिंह ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन ऐसोशिएसन का नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोशिएसन रखा जिसका उद्देश्य प्रजातन्त्र और शोषण विहीन समाज की रचना करना था, लेकिन आज हम आजादी के 75 साल बाद रास्ता भटक अंधेरी सुरंग में चले गए, जिस गुलामी से देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया, भारत को आजाद कराने में अपना परिवार, घर त्यागा, यतनाएँ झेली, अपने प्राणों की आहुति दे दी, देश आजाद हुआ लेकिन आज उन मूल्यों को कुचला जा रहा है, जिसका सपना हमारे क्रांतिकारियों, स्वतन्त्रता सेनानियों अमर शहीदों ने देखा था, चारों तरफ हाहाकार है, महिलाओं के साथ अनाचार, शोषण की वीभत्स कहानी मणिपुर बयान कर रहा है, किसानों, कामगारों, शोषितों, पीड़ितों, दलितों, वंचितों का अपमान हद से ज्यादा हो रहा स्वतंत्र भारत के इतिहास में मानव, मानव के ऊपर पेशाब कर दे, इससे शर्मनाक घटना क्या और हो सकती है, चन्द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों की रूह कराह रही होगी कि क्या हमने इसलिए बलिदान जीवन का किया, कि यहाँ सत्ता उन लोगों के हाथ में चली जायेगी जो अन्याय, असत्य, शोषण को रोकने में असफल, हर घटना को छिपाने के लिए बड़ा से बड़ा झूठ बोलकर अपने ही लोगों को ठगने का काम करेंगे, उन लोगों का महिमा मंडन करेंगे, जिन्होने अंग्रेजों से माफी मांगी, पेंशन ली, उनका सम्मान करेंगे जिन्होने महात्मा गांधी जैसे संत की जघन्य हत्या कर दी, आज आर्थिक, सामाजिक असमानता इतनी बढ़ रही है, गरीब गरीब होता जा रहा है और अमीर - अमीर, देश के समस्त संसाधनों के 40% पर 1 प्रतिशत लोगों का कब्जा सरकारी संरक्षण से ही संभव है, जबकि देश में धनी वर्ग की संख्या में भारी वृद्धि अमीरों के और अमीर होने के बाद पूँजीपतियों ने परमार्थ कार्यों में न के बराबर योगदान दिया, महामारी के कारण अमीरों ने आर्थिक दृष्टि से कमजोर देशवासियों के हित में परमार्थ कार्यों से दूरी बनाई, जिसके कारण 21 करोड़ से ज्यादा लोग और गरीब हो गए, यदि शहीदों, स्वतन्त्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाना चाहते है तो उनको पढ़ो, समझो की उनके देश और देश वासियों के प्रति क्या विचार थे, झूठ, लूट को बंद करिए, नीयत साफ कर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के काम से दूर रहे, कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्याय पालिका, लोकतन्त्र के तीन स्तम्भ तथा चौथा खंभा मीडिया इन्हे लोकतन्त्र को मजबूत करने के लिए निष्पक्ष काम करने में लगना चाहिए, तभी हम शहीदों और स्वतन्त्रता सेनानियों के सपनों को साकार कर पायेंगे, लोकतन्त्र की इमारत को दरकने, ढहने से बचा पायेंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे, ड़ा0 वी0एल0 गौड़, ड़ा0 सभापति शास्त्री, शिक्षाविद राम दुलार यादव, के0के0 दीक्षित, श्रीराम, चंद्रबली मौर्य, दायराम, विनोद त्रिपाठी, एस0एन0 अवस्थी, फ़ौजुद्दीन, मुनीव यादव, नगेंद्र मौर्य, शिवानंद चौबे, एस0एन0 जायसवाल, देव कर्ण चौहान, ओम प्रकाश अरोड़ा, फूलचंद वर्मा, रोहित यादव, इमरान, राम प्यारे यादव, अमृत लाल चौरसिया, लक्ष्मी नारायण सहगल, रहमत अली, खुमान, हरिकृष्ण, अमर बहादुर, अवधेश यादव, सुरेन्द्र यादव, राजेश यादव, प्रेमचंद पटेल, हरीश ठाकुर, साहिल खान आदि।