◼️अदभुत व शुभ संयोग में सोमवार को दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना करने से सभी दुख व कष्ट दूर होंगे
◼️भक्तों पर भगवान दूधेश्वर के साथ भगवान विष्णु की कृपा भी बरसेगी
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष व श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि 14 अगस्त का दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत ही खास है। इस दिन सावन का छठां व अधिकमास का चौथा व अंतिम सोमवार है। साथ ही इस दिन मासिक शिवरात्रि भी है। एक साथ इतने अदभुत व शुभ संयोग के कारण इस बार का सोमवार भक्तों के लिए बहुत ही भाग्यशाली साबित होगा। इस दिन पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की ऐसा कृपा बरसेगी कि सभी कष्टों व दुखों का अंत होगा और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि व खुशहाली का वास होगा।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि सावन में अधिकमास की मासिक शिवरात्रि का व्रत 14 अगस्त 2023 को है। इस दिन अधिकमास की चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त को सुबह 12.25 मिनट से 15 अगस्त दोपहर 12.42 मिनट तक रहेगी। श्रीमंहत नारायण गिरि ने बताया कि अधिकमास की मासिक शिवरात्रि 3 साल में एक बार आती है। ऐसे में धन प्राप्ति के लिए इस दिन एक मुट्ठी में चावल लेकर उसे शिव मंदिर में चढ़ाएं और बाकी चावलों को किसी जरूरतमंद को दान कर दें। ऐसा करने से व्यक्ति के धनवान बनने के मार्ग सुलभ होते हैं। भगवान शिव की कृपा से पैसों की कमी नहीं होती है। अधिकमास शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसा करने से शंभू जल्द प्रसन्न होते हैं और विवाह, वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति में आ रही अड़चनों को नष्ट करते हैं।
भगवान दूधेश्वर के महाकाल रूप में होंगे दिव्य दर्शन
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि अधिकमास की मासिक शिवरात्रि को दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना करने का विशेष फल मिलेगा। इस दिन भगवान दूधेश्वर के महाकाल रूप में दिव्य दर्शन होंगे। प्रातः 3 बजे भगवान का वे रूद्राभिषेक करेंगे। रूद्राभिषेक देवी मंदिर दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि, स्वामी रमेशानंद गिरि, आचार्य तयारोज उपाध्याय व अन्य आचार्यो के साथ किया जाएगा। उसके बाद मोहित राज चौहान व उनकी टीम भगवान का श्रृंगार करेगी। धूप-आरती व छप्पन भोग के बाद भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। सांय 6 से 7 तक विजय मित्तल व दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति द्वारा भगवान का महाकाल रूप में दिव्य श्रृंगार यिका जाएगा। 7.15 बजे धूप आरती व 108 भोग के साथ भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। श्रीमहंत नारायण गिरि ने भक्तों से अपील की कि सावन के छठें, अधिक मास के चौथे व अंतिम सोमवार के साथ अधिकमास की मासिक शिवरात्रि के अदभुत व शुभ संयोग में भगवान दूधेश्वर के महाकाल रूप में दर्शन करें और भगवान शिव व भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बनाएं।