◼️28 अगस्त को सावन मास, सोमवार व प्रदोष व्रत का संयोग बनने से भगवान शिव की पूजा करने पर तीन गुना फल प्राप्त होगा

◼️श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक या रूद्राभिषेक करने से पूरे सावन की पूजा के समान फल मिलेगा



रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष व श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि 28 अगस्त को सावन माह का सोमवार है। सावन के आखिरी सोमवार का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि इस दिन तीन शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं। सावन महीना, सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत तीनों ही शिवजी की पूजा के लिए ही समर्पित हैं और भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। ऐसे में एक साथ तीन संयोग बनने पर सावन के आखिरी सोमवार 28 अगस्त को देवाधिदेव महादेव की पूजा का भक्तों को तीन गुणा फल मिलेगा। 

श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि अधिकमास के चलते इस बार सावन दो माह का रहा और 8 सोमवार का संयोग भी बना। अब सावन माह खत्म हो रहा है और 28 अगस्त सावन का अंतिम सोमवार है तो ऐसे भक्त जो अभी तक भगवान शिव का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक नहीं कर पाए हैं, वे अंतिम सोमवार को सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक या रुद्राभिषेक कर सकते हैं। इतना करने से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाएंगे और भक्तों को पूरे सावन शिव पूजा करने के समान फल प्राप्त होगा जिससे उनके सभी कष्ट दूर होंगे। 

श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि 28 अगस्त को को शाम 06.22 मिनट तक सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। ऐसे में  सुबह सोमवार व्रत की पूजा व शाम को प्रदोष व्रत का पूजन करने भगवान शिव की कृपा प्राप्त हेागी और उन्हें मनोवांछित फल प्राप्त होगा।
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