रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड:- उत्तरी क्षेत्र हरिद्वार भीमगोडा बैराज में गेट टूटने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए हरिद्वार सिंचाई विभाग के दो अधिकारियों को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया।

भीमगोडा बैराज गेट टूटने की शासन स्तर पर हुई जांच में सिंचाई विभाग के दो अधिकारी की लापरवाही सामने आने के बाद सिंचाई विभाग ने हरिद्वार एसडीओ शिवकुमार कौशिक और अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन को निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि अधीक्षण अभियंता मेरठ के द्वारा की गई जांच में एसडीओ और अधिशासी अभियंता को पूरे मामले में लापरवाही मिलने पर और एसडीओ शिव कुमार को तत्काल निलंबित करते हुए लखनऊ अटैच कर दिया गया है।

अधीक्षण अभियंता की जांच रिपोर्ट में एसडीओ शिवकुमार को ना केवल इस मामले में लापरवाही पाई गई, बल्कि उच्च अधिकारियों और अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ उचित व्यवहार न करने, घटना की सही जानकारी न देने का भी दोषी पाया गया है। इसी के साथ इस मामले में अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन पर भी गाज गिरी है। अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन को भी इस मामले में घोर लापरवाही बरतने का दोषी पाने के साथ ही उन पर इस घटना को सही तरीके से नियंत्रण न करने और कर्मचारियों से संबंधित मामले में उचित निर्णय न लेने का दोषी पाया गया है।उन्हें भी निलंबित करते हुए लखनऊ विभाग में संबद्ध कर दिया गया है।                                            

इस प्रकरण के बाद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग एसडीओ अनिल कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। विदित हो बीते 16 जुलाई को हरिद्वार स्थित भीमगौड़ा बैराज का गेट नंबर- 10 अचानक टूट गया था।जिसका प्रबंधन यूपी सिंचाई विभाग द्वारा किया जाता है।जिसके चलते मौके पर हड़कंप मच गया था। उस समय गंगा का जलस्तर भी खतरे के निशान को छू रहा था और अलर्ट जारी किया गया था।गेट टूटने के बाद स्थिति को बड़ी मुश्किल कंट्रोल किया गया। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि एसडीओ शिवकुमार द्वारा घटना की सही जानकारी सही समय पर नहीं दी गई और कार्य में लापरवाही बरती गई।इसी के साथ उनके द्वारा कर्मचारियों के साथ आपसी तालमेल न होना पाया गया है।
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