रिपोर्ट :- वेद प्रकाश चौहान
हरिद्वार :- जनपद हरिद्वार में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान) पैनल में शामिल कुछ निजी हॉस्पिटल संचालकों द्वारा आयुष्मान कार्ड धारकों की उपेक्षा किये जाने तथा उनको भर्ती मरीजों कर सही ढंग से उपचार ना करने की शिकायत पर चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने मामले को गम्भीर से लिया है। स्वास्थ्य सचिव ने तत्काल सीएमओ हरिद्वार और चीफ एजुकेटिव ऑफिसर स्टेट हैल्थ अर्थाेरिटी (आयुष्मान योजना) को तत्काल निजी हॉस्पिटलों पर एक्शन लेने के निर्देश दिये है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार एक्शन में आ गया।
बताया जा रहा हैं कि स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार की एक चिकित्सक टीम सिडकुल स्थित मैट्रो हॉस्पिटल पहुंची। स्वास्थ्य विभाग टीम के सामने आया लापरवाही का मामला। आयुष्मान कार्ड से हॉस्पिटल में भर्ती युवती को स्वास्थ्य विभाग टीम ने टीबी होने का अदेंशा जताते हुए उसकी हालत गम्भीर बताई है। जबकि हॉस्पिटल में चिकित्सक पिछले पांच दिनांे से लापरवाही दिखाते हुए भर्ती युवती का टाइफाइड का इलाज कर रहे थे। सवाल उठता है कि यदि स्वास्थ्य विभाग की टीम अगर मैट्रो हॉस्पिटल नहीं पहुंचती, तो युवती की सही बीमारी का ही नहीं पता चल पाता। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि मैट्रो हॉस्पिटल में किस हद तक लापरवाही बरती जा रही है। देखते हैं कि स्वास्थ्य विभाग मैट्रो हॉस्पिटल में मिली बड़ी लापरवाही पर क्या कार्यवाही करती है।
बताया जा रहा हैं कि चिकित्सकों की टीम अन्य निजी हॉस्पिटल में पहुंचकर जानकारी जुटायेगी। स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार की टीम द्वारा की जा रही कार्यवाही की भनक लगते ही आयुष्मान पैनल में शामिल निजी हॉस्पिटल संचालकों में हड़कम्प मच गया है। बताते चले कि जनपद हरिद्वार में वायरल, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड ने अपनी चपेट में ले लिया है। सरकारी, निजी हॉस्पिटलांे और क्लीनिकों में सुबह से रात तक मरीजों की लम्बी-लम्बी कतरे देखी जा रही है। जनपद में फैली बीमारी को देखते हुए निजी हॉस्पिटल संचालकों द्वारा मरमानी करते हुए मरीजांे की मजबूरी का फायदा उठाकर उनके आर्थिक दोहन की शिकायत लगातार मिलती रही है। साथ ही प्रधानमंत्री जन आयोग्य योलना (आयुष्मान) कार्ड धारकों को आयुष्मान योजना पैनल में शामिल निजी हॉस्पिटलों द्वारा भी मनमानी की जानकारी सामने जा रही है।
आरोप हैं कि आयुष्मान योजना पैनल में शामिल कुछ निजी हॉस्पिटल द्वारा मनमानी करते हुए फैले वायरल, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड के बढते मरीजों को देखते हुए आयुष्मान कार्ड धारकों को हॉस्पिटल में बैड ना होने का बहना बनाकर उनको टाला जा रहा है। यदि पैनल में शामिल होने की शर्ताे की मजबूरी होने के चलते जिन मरीजों को भर्ती किया गया है। आरोप हैं कि भर्ती मरीजों का सही ढंग से उपचार नहीं किया जा रहा है। जिनको लावारिस हालत में छोड़ दिया गया है। आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को चिकित्सक देखने के लिए तो पहुंचते है और खानापूर्ति करते हुए मरीजों को टेस्ट, एक्सरे, दवा तो लिखी जा रही है। मरीजांे के खून की जांच के लिए सैम्पल लिया जा रहा हैं , मगर उसकी रिपोर्ट का दो-दो या फिर तीन-तीन तक अता-पता ही नहीं चल रहा है। आरोप हैं कि मरीजों की रिपोर्ट के लिए परिजन इधर से उधर हॉस्पिटल में भटकाया जा रहा है।
आरोप हैं कि आयुष्मान योजना पैनल में शामिल कुछ निजी हॉस्पिटल संचालक द्वारा आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से पैथोलॉजी टेस्ट व दवाओं के नाम पर भर्ती से पहले ही 8-10 हजार रूपये वसूल रहे है। सीएमओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त को निजी हॉस्पिटलों द्वारा की जा रही मनमानी की शिकायत करने भी कोई ऐसे हॉस्पिटलों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इतना जरूर हैं कि स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार की ओर से डॉ. अनिल वर्मा के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक छापामार टीम का गठन किया गया है। जिसने कुछ निजी हॉस्पिटलों के खिलाफ एक्शन लेते हुए सीज की कार्यवाही जरूर की है, जोकि नाकाफी नजर आ रही है। आरोप हैं कि चिकित्सकों की छापामार टीम उन निजी हॉस्पिटलों पर कार्यवाही कर रही हैं जहां पर मरीजों की भीड़ नहीं है। आरोप हैं कि स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार की यह कार्यवाही केवल खानापूर्ति करने तथा शासन व जनता को भ्रमित करने के लिए की जा रही है। लेकिन सीएमओ को जिन निजी हॉस्पिटलांे की शिकायत मिल रही हैं उनपर सीएमओ द्वारा केवल पत्र भेजकर अपनी कार्यवाही इतिश्री कर रहे है। बताया जा रहा हैं कि सीएमओ हरिद्वार द्वारा मिल रही शिकायतों को नजर अंदाज करते हुए कोई कार्यवाही ना करने पर जनपद हरिद्वार से उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सचिव से शिकायत की गयी है।
उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सचिव ने हरिद्वार में निजी हॉस्पिटल संचालकों की मनमानी और आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को सही ढंग से उपचार ना करने की शिकायत को गम्भीरता से लिया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने शनिवार को सीएमओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त और चीफ एजुकेटिव ऑफिसर स्टेट हैल्थ अर्थाेरिटी (आयुष्मान योजना) को तत्काल शिकायत मिल रही निजी हॉस्पिटलों पर एक्शन लेने के निर्देश दिये है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार एक्शन में आ गया। बताया जा रहा हैं कि स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार के चिकित्सकों की एक टीम सिडकुल स्थित मैट्रो हॉस्पिटल पहुंची। जहां पर चिकित्सकों की टीम ने आयुष्मान कार्ड से भर्ती मरीजों की पूरी जानकारी लेते हुए व्यवस्थाओं को टटोला गया। आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों दिये जा रहे उपचार की जानकारी ली जा रही है। बताया जा रहा हैं कि मैट्रो हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड से भर्ती युवती के इलाज में घोर लापरवाही बरते जाने की बात सामने आयी है।स्वास्थ्य विभाग टीम में शामिल चिकित्सकों ने युवती को देखकर उसे टीबी होने का अंदेशा जताते हुए उसकी हालत गम्भीर बताई है।
जबकि हॉस्पिटल में चिकित्सक पिछले पांच दिनांे से लापरवाही दिखाते हुए भर्ती युवती का टाइफाइड का इलाज कर रहे थे। सवाल उठता है कि यदि स्वास्थ्य विभाग की टीम अगर मैट्रो हॉस्पिटल नहीं पहुंचती, तो युवती की सही बीमारी का ही नहीं पता चल पाता। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि मैट्रो हॉस्पिटल में किस हद तक लापरवाही बरती जा रही है। बीमार युवती सीमा बनौधा की बहन लीना बनौधा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग टीम में मौजूद चिकित्सकों ने उसकी बड़ी बहन को टीबी होने की अंदेशा जताते हुए उसकी हालत गम्भीर बताई है। जबकि मैट्रो हॉस्पिटल के चिकित्सक पिछले पांच दिनों से उसकी पिता व बहन को टाइफाइड बताकर उपचार कर रहे थे। उपचार के दौरान भी उनकी बहन व पिता को सही वक्त पर दवा व टेस्ट की रिपोर्ट नहीं दी जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग टीम में शामिल एक अधिकारी ने माना हैं कि मैट्रो हॉस्पिटल में लापरवाही की शिकायत समाने आयी है।देखते हैं कि स्वास्थ्य विभाग मैट्रो हॉस्पिटल में पकड़ी गयी घोर लापरवाही पर क्या कार्यवाही करती है?।
सीएमओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त से सम्पर्क करने का प्रयास किया। लेकिन उनका फोन नहीं उठा, जिसकारण स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार द्वारा की जा रही कार्यवाही की जानकारी नहीं मिल सकी। इस सम्बंध में स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार को कोई भी अधिकारी फोन नहीं उठा रहा है। स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार के चिकित्सक टीम की कार्यवाही अन्य निजी हॉस्पिटलों में किये जाने की बात कही जा रही है। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि हरिद्वार से कुछ निजी हॉस्पिटलों की शिकायत मिल रही है। जिनके द्वारा मनमानी करने तथा आयुष्मान योजना पैनल में शामिल निजी हॉस्पिटल संचालकों द्वारा आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को परेशान किया जा रहा है। हरिद्वार से मिल रही शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए आज सीएसओ हरिद्वार डॉ. मनीष दत्त और चीफ एजुकेटिव ऑफिसर स्टेट हैल्थ अर्थाेरिटी (आयुष्मान योजना) को तत्काल निजी हॉस्पिटलों पर एक्शन लेने के निर्देश दिये है।