रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- श्री धार्मिक रामलीला समिति (पंजी0) कविनगर के मंच पर शुक्रवार को अरण्य काण्ड की लीला का मंचन हुआ जिसमें इन्द्र पुत्र जयन्त प्रसंग, रावण द्वारा मारीछ को छल द्वारा सीता हरण की योजना एवं सीता हरण से लेकर श्री राम की शबरी से भेंट की मनोरम और भावपूर्ण लीला का मंचन किया गया।

श्री राम और लक्ष्मण द्वारा अपमानित सूपर्णखा खर-दूषण वध के बाद अपने आता दशानन रावण के दरबार में आती है और समस्त वृतान्त सुनाकर लकेश से अपने अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए विवश करती है वो रावण को सीता के सौन्दर्य का बखान कर सीता को हरण करने के लिए कहती है। विभीषण और मंदोदरी रावण को समझाने का भरसक प्रयास करते हैं परन्तु रावण अपने निर्णय पर अडिग रहता है और अपने मामा मारीच के पास जाकर जबरन उन्हें सीता हरण के लिए विवश करता है। उधर इन्द्र पुत्र जयन्त देवी सीता पर मोहित उठता है और वह उनके समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखता है। जानकी जी द्वारा बार-बार समझाने के उपरान्त भी वो नहीं मानता और सीता जी पर काग रूप में आक्रमण करता है। श्री राम जयन्त को इस हरकत को जानकर कोचित हो उठते हैं और उसे दण्डित करने का निर्णय करते हैं। जयन्त श्री राम की वास्तविकता जान लज्जित होता है और प्राश्चित स्वरूप अपनी एक आँख फोड़ लेता है।

रावण के निर्देश पर मारीच स्वर्ण मृग का रूप धारण कर पंचवटी पहुंचता है सीता माया मृग देखकर मोहित हो जाती है और राम को उसके आखेट के लिए कहती है राम मारीच के आखेट के लिए दूर निकल जाते हैं। मारीच छल से श्री राम की आवाज में सीता और लक्ष्मण को पुकारता है। लक्ष्मण सीता जी को समझाने का भरसक प्रयास करते हैं परन्तु सीता जी उन्हें भला-बुरा कहती है और विवश लक्ष्मण कुटिया के बाहर रेखा खींचकर राम की तलाश में निकल जाते हैं। रावण छलपूर्वक साधु वेश में आकर सीता जी का हरण कर लेता है। मार्ग में जटायु सीता जी की पुकार सुन रावण पर आक्रमण करते हैं। रावण अपनी चन्द्रहास से जटायु का वध कर देता है। राम और लक्ष्मण सीता की खोज में निकलते हैं जहां उनकी जटायु से भेंट होती है और जटायु उन्हें रावण द्वारा सीता हरण की सूचना देता है। सीता की तलाश में आगे बढ़ते श्री राम की परम भक्त और तपस्विनी शबरी से भेट होती है जो जन्मों से उनके दर्शन की प्रतीक्षा कर रही होती है। शबरी अपने झूठे बेर खिलाकर श्री राम की सुधा को शान्त करती है और उन्हें सुग्रीव और हनुमान के पास जाने का मार्ग बता परम धाम को प्राप्त होती है। श्री राम और शबरी के मिलन का मर्मस्पर्शी मंचन देखकर सभी भक्त भाव-विभोर हो उठे।

आज रामलीला मैदान में भारी भीड़ उमड़ी रामलीला मैदान के चारों ओर गाडियों की लम्बी कतारें देखी गयी और यातायात व्यवस्था लगभग ध्वस्त हो गयी। मेला परिसर में सभी स्टॉलों पर स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए भारी संख्या में लोग प्रतीक्षा में दिखे। सभी झूलों पर लम्बी-लम्बी कतारे देखी गयी। समिति की ओर से सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने के लिए भारी संख्या में सदस्यों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। समिति सभी राम भक्तो से अनुरोध करती है कि यातायात व्यवस्था में सहयोग के लिए वाहनों का प्रयोग कम से कम करें। समिति द्वारा सभी झूला संचालकों को निर्देशित किया गया कि वे अपने झूलों की स्वस्थता की निरन्तर जांच करते रहें।

मंचन देखने के लिए सांसद राज्यसमा डॉ० अनिल अग्रवाल, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के उपमहानिरीक्षक अनीश गुप्ता, आई०पी०एस० पूर्व मंत्री सतीश शर्मा, नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं उद्यान अधिकारी डॉ० अनुज कुमार सहित अनेको गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। गाजियाबाद की महापौर सुनीता दयाल सपरिवार मेले का आनन्द लेने के लिये मैदान में उपस्थित रहीं। समिति के अध्यक्ष ललित जायसवाल, महामंत्री भूपेन्द्र चोपड़ा, गुलशन बजाज, अजय जैन, पवन गुप्ता, डी०पी० कौशिक, विजय चौगरा, विवेक मित्तल, संजय मित्तल आदि उपस्थित रहे।

शनिवार को रामलीला के मंच से राम भक्त हनुमान द्वारा सूर्य भक्षण, हनुमान श्रीराम भेंट, बालि सुग्रीव युद्ध और बालि वध की लीला का मंचन होगा।
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