रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा लौह पुरुष, भारत के नव निर्माण कर्ता, भारत रत्न, देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती का आयोजन किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता इंजी0 हरिभान सिंह पटेल, अध्यक्ष पटेल सेवा संस्थान मोहन नगर गाजियाबाद ने किया, मुख्य अतिथि प्रो0 पी0 के0 सिंह हिमालय गढ़वाल विश्वविद्यालय रहे, मुख्य वक्ता समाजवादी चिंतक राम दुलार यादव शिक्षाविद ने विस्तार से सरदार बल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में जानकारी दी, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव, संचालन अनिल मिश्र ने किया| सभागार में उपस्थित सभी साथियों ने सरदार बल्लभ भाई पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे स्मरण किया, तथा उनके द्वारा बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया, उनके सम्मान में जोरदार नारे लगाए गए, कार्यक्रम अध्यक्ष ने सभी को धन्यवाद दिया, अंत में प्रसाद वितरित किया गाय।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी चिंतक राम दुलार यादव ने कहा कि “सरदार बल्लभ भाई पटेल आधुनिक भारत के कर्णधार, राष्ट्रीय एकता और भारत के नव निर्माण में उनका बड़ा योगदान है”| उनका जीवन सरल और सादगी भरा ईमानदारी और नैतिकता की मिसाल रहा है, वह साहसी, सजग उद्देश्यों की पूर्ति बड़ी निष्ठा, लगन, तत्परता और अनुशासित होकर करते थे, वह किसानों के सच्चे नेता थे, बारदोली, खेड़ा किसान आंदोलन में ब्रिटिश सरकार की 30 % लगान बढ़ाने का विरोध किया और ब्रिटिश सरकार को झुकना पड़ा, ड़ा0 राजेन्द्र प्रसाद ने लिखा है कि “आज जो भारत के बारे में विचार करने का प्रयास किया जा रहा है वह सरदार बल्लभ भाई पटेल की नेतृत्व शक्ति तथा सुदृढ़ प्रशासन देने का परिणाम है”| जब भारत आजाद हुआ तो 562 रियासतों को भारत में मिलाकर उन्होने अखंड भारत का निर्माण किया, वह हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर, गांधी जी की हत्या के बाद वह बहुत दुखी हुए, आर0एस0एस0 पर प्रतिबंध लगा दिया, वह उसे संप्रदायिकता की आग में झोकने वाला संगठन मानते थे, वह भारत के विस्मार्क है, रहेंगे। 1930 में दांडी मार्च यात्रा, नमक कानून का विरोध आंदोलन सरदार बल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता से सफल हो पाया, किसानों की खेड़ा और बारदोली की जीत का श्रेय सरदार बल्लभ भाई पटेल को ही जाता है।
आज आजादी के 75 वर्ष बाद भी भारत की स्थिति बदतर है, 81 करोड़ किसानों, कामगारों, जरूरतमंदों को पेट भरने के लिए अनाज लेने की लाइन में खड़ा होना पड रहा है, आज का नेतृत्व लौह पुरुष की बड़ी मूर्ति लगाकर दिखाना चाहता है कि हम उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रभावित है, काम सारा विपरीत करता है, झूठ, लूट, फिजूल खर्ची, दिखावा, देश में नफरत, असहिष्णुता, असंतोष, असहयोग, असमानता का वातावरण बनाया जा रहा है, छात्र, नवजवान, व्यापारी, किसान, मजदूर आज परेशान है, बेरोजगारी, बेकारी पराकाष्ठा पर महंगाई आसमान छू रही है, छात्र, नवजवान कुंठाग्रस्त आत्महत्या कर रहा है, लोकतन्त्र को रौदा जा रहा है, संवैधानिक संस्थाओं को प्रभावित कर उनका दुरुपयोग किया जा रहा है, आज भी सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे लौह पुरुष कि देश को आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी मुश्किल से मिली आजादी दिवा स्वप्न हो जाएगी| यहाँ कुछ अमीरों को और अमीर बनाया जा रहा है, धार्मिक पाखंड, मानसिक गुलामी कायम रहे भारत में कुछ संस्थाएं इस काम में लगी हैं, हमे इनके जाल में न फंस लौह पुरुष के बताए सिद्धान्त पर चलकर देश में एकता, सद्भाव, भाईचारा, सहयोग, समता, समानता, बंधुता के लिए काम करना चाहिए, यही सरदार बल्लभ भाई पटेल के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे, ड़ा0 विशन लाल गौड़, राम दुलार यादव, ड़ा0 देवकर्ण चौहान, प्रो0 पी0 के0 सिंह, इंजी0 हरिभान सिंह पटेल, एस0 एस0 प्रसाद, प्रो0 मनीष मिश्र, परमानंद यादव, हरिकृष्ण सिंह, सुभाष वर्मा, फूलचंद पटेल, अखिल पटेल, गुरु प्रसाद, ताहिर, विजय भाटी, विश्वनाथ यादव, धर्मेन्द्र यादव, मुनीव यादव, राम यादव, विजय मिश्र, सम्राट सिंह यादव, अनिल मिश्र, प्रेमचंद पटेल, सुभाष यादव, अखिलेश कुमार शुक्ल, हरिकृष्ण यादव, खुमान, नवीन कुमार, रेशमा, शीतल, सुरेश कुमार भारद्वाज आदि।