रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- श्री धार्मिक रामलीला समिति, (पंजी०) कविनगर द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव के अंतर्गत बाल काण्ड की लीला का मंचन किया गया। ब्रह्मा जी के निर्देश पर नारद जी महर्षि बाल्मीकि के आश्रम जाते हैं और महाकाव्य रामायण की संरचना के लिये प्रेरित करते हैं। ब्रह्मा जी महर्षि बाल्मीकि एवं श्रीराम एवं अन्य सभी समकालीन पात्रों के समस्त गुप्त या प्रकट वृतान्त का स्वतः ही ज्ञान हो जाने का वर देते हैं, वहीं महादेव पार्वती जी को रामनाम की महिमा सुनाते हैं।
पृथ्वी पर रावण के अत्याचार से त्रस्त सभी देवी-देवता सागर में विराजमान भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी के पास अपनी याचना लेकर जाते हैं और नारायण सभी देवी-देवताओं के आग्रह पर अपने राम अवतार के रूप में प्रकट होने और सबके संकट हरने का वचन देते हैं। अयोध्या में रघुकुल में कोई युवराज न होने के कारण राजा दशरथ तीनों रानियों के साथ चिन्ता में होते हैं। महर्षि वशिष्ठ के सुझाव पर दशरथ ऋषि श्रृंगी के पास अपना दुःख दर्द लेकर जाते हैं और पुत्रेष्टि यज्ञ से यज्ञेश्वर राजा दशरथ को पायस प्रदान होता है। तीनों रानियां इस पायस का सेवन कर गर्भवती हो जाती हैं और अयोध्या में चार राजकुमारों का जन्म होता है। चारों राजकुमारों के जन्म से पूरी अयोध्या नगरी में खुशी की लहर दौड़ जाती है। दूसरी ओर देवी लक्ष्मी अपने सीता अवतार हेतु जनक पुरी में राजा जनक को भूमि से कन्या रत्न के रूप में प्राप्त होती हैं।
दशरथ के सुखमय जीवन में तब पहला आघात लगता है जब वह शब्दभेदी बाण से श्रवण कुमार का वध हो जाता है और श्रवण के माता-पिता महाराज दशरथ को अपने पुत्र के बिछोह में अपने प्राण त्याग देते हैं और मरने से पूर्व महाराज दशरथ को श्राप देते हैं कि जिस प्रकार हम अपने पुत्र के विछोह में तड़प-2 कर अपने प्राण गंवा रहे हैं उसी प्रकार तुम भी अपने पुत्र विछोह में तड़पोगे। दशरथ उस श्राप के कारण अत्यन्त चिंतित हो जाते हैं। महर्षि गौतम लक्ष्मी स्वरूपा बालिका सीता को शिक्षा देने के लिये मिथला आते हैं। परन्तु सीता उनसे अहिल्या को दिये गये श्राप के कारण अहिल्या को पाषण बनाने के विषय में कुछ ऐसा बोल देती हैं जिससे ऋषि गौतम अचंभित हो जाते हैं।
लीला मंचन के दूसरे दिन लीला देखने के लिये राम भक्तों की भारी भीड़ मैदान में एकत्रित हुई। आज की लीला में अध्यक्ष ललित जायसवाल, महामंत्री भूपेन्द्र चोपड़ा, मंत्री गुलशन बजाज, अजय जैन, दिवाकर सिंघल, सुनील निगम, अजय गुप्ता, डी०पी० कौशिक, पुनीत बेरी, अजय अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।