रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- जन नायक कर्पूरी ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री बिहार, समाजवाद के ध्वजवाहक, करोड़ों शोषितों, पीड़ितों, वंचितों, प्रताड़ितों के मसीहा का जन्म दिन समारोह ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जीटी साहिबाबाद के प्रांगण में “सामाजिक न्याय” दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता सरदार जगतार सिंह भट्टी ने किया, मुख्य अतिथि ड़ा0 विशन लाल गौड़ पूर्व प्राचार्य रहे, संचालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष, समाजवादी चिंतक राम दुलार यादव शिक्षाविद मुख्य वक्ता के रूप में समारोह में शामिल रहे, सभी साथियों ने जन नायक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर समाजवादी पार्टी के अग्रिम पंक्ति के अपने प्रिय नेता का स्मरण किया, समारोह को कैलाश चन्द्र, राम प्यारे यादव, हरिशंकर वर्मा, सम्राट सिंह यादव, सी0एल0 मौर्य, चक्रधारी दूबे ने भी संबोधित किया, हुकुम सिंह ने गीत प्रस्तुत किया| समारोह में शिक्षाविद राम दुलार यादव को सरोपा भेंटकर सम्मानित किया गया, उनके द्वारा किये जा रहे जन सेवा, शिक्षा और चिकित्सा के लिए दिए योगदान की सराहना की गयी।
समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि जन नायक कर्पूरी ठाकुर छात्र जीवन में ही महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन से प्रभावित हो ब्रिटिश हुकूमत के विरोध में जन जागरण कर सत्याग्रह आंदोलन में भाग ले सरकार को ललकारा, उन्हे 26 महीने के कारावास की सजा हुई, देश को गुलामी से मुक्त कराने में यातनाएँ झेली, किसानों, मजदूरों के सवाल पर भी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए आजादी के बाद भी कई बार जेल गए, 1970, 1977 में वह बिहार के दो बार मुख्यमंत्री बने, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और शैक्षणिक विसंगतियों का जीवन भर विरोध करते हुए संघर्ष करते रहे, कर्पूरी जी का व्यक्तित्व विलक्षण, सादगी, ईमानदारी और निर्भीकता ने देश और प्रदेश की राजनीति में ऐसे प्रतिमान स्थापित किये कि आज की पीढ़ी जो राजनीति में है वह कहीं ठहर नहीं पाती, उच्च पदों को सुशोभित करने के बाद भी अभाव में जीने की कला आज के सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वालों को उनसे सीखना चाहिए, उन्होने अतिपिछड़ो, पिछड़ों को तथा अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण दे सरकारी नौकरियों में सेवा करने का मार्ग प्रशस्त किया, उन्होने समस्त मानवता के लिए कार्य किया, अहंकार उन्हे छू न सका था, दीन-दुखियों, शोषितों, पीड़ितों, वंचितों और प्रताड़ितों की पीड़ा से वह कराह उठते थे, नैतिक साहस से उन्होने जीवन भर लोगों के लिए काम किया, निजी उनके पास पूंजी के नाम पर केवल नाम था, लेकिन आज स्थिति आजादी के 76 वर्ष बाद पूरी बदल गयी है, राजनीति में राग, द्वेष, अहंकार और झूठ-लूट का बोलबाला बेशर्मी से परिलक्षित हो रहा है जो शिक्षित और उच्च पदों पर है वही अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर पा रहे है, शिक्षा, चिकित्सा सामान्य जन से कोसों दूर हो रही है, विश्व में हम भ्रष्टाचार में 85 वें नंबर, खुशहाली में 125 वें नंबर पर 137 देशों में और तानाशाही में 180 देशों में 19 वें नंबर पर है, पाखंड, नफरत फैलाकर जाति-धर्म में लोगों को बांटा जा रहा है, अशिक्षित और शिक्षित दोनों मानसिक गुलामी की अंधेरी सुरंग में जा रहे है, स्वार्थ मानव मन पर हावी हो गया है, हम सार्वजनिक हित की बात नहीं कर रहे है, कर्ज लेकर विकास का ढिढोरा पीटा जा रहा है, आज देश को कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता की आवश्यकता है, उन्हे भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करना प्रेरणा दायक है, लेकिन उनके विचार पर चलकर दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, महिलाओं के सम्मान में कार्य करने की आवश्यकता है, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी| आज इस अवसर पर केन्द्र सरकार से मांग की गयी कि महिलाओं को संसद और विधायिका में जनसंख्या के अनुपात से आरक्षण दिया जाय।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे, राम दुलार यादव, ड़ा0 विशन लाल गौड़, ब्रह्म प्रकाश, एस0 एन0 अवस्थी, ड़ा0 देवकर्ण चौहान, रामेश्वर यादव, अनिल सिंह, हरीशंकर वर्मा, राम प्यारे यादव, ओम प्रकाश अरोड़ा, सोहेब सलमानी, विजय भाटी, राज कुमार सिंह, राम यादव, परमानंद यादव, उर्मिला पटेल, सी0 बी0 मौर्य, मुनीव यादव, सम्राट सिंह यादव, विशाल रावत, हुकुम सिंह, देवमन यादव, नन्दन कुमार, लक्ष्मी नारायण सहगल, बच्चू लाल, राम नारायण, पुष्पा वर्मा, फूलचंद वर्मा, देवनाथ भारती, अंकित कुमार, प्रियंका, उमेश, बैजनाथ रजक, कृष्णा यादव, विकास दीक्षित, सुभाष, आकाश, हाजी मोहम्मद सलाम, ठाकुर प्रसाद, एम0 आर0 खान, श्याम लाल, साहिद, रेशमा, शीतल, अमर नाथ, लालू, राज कुमार, विजय वीर, अरुण कुमार, संतलाल, ऋषिकेश, उदय प्रताप, राम नवल मौर्य, शिवम यादव, वीर सिंह आदि सैकड़ों लोगों ने जन नायक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे स्मरण किया।