◼️भक्तों ने शतचंडी अनुष्ठान में आहुति देकर विश्व कल्याण की कामना की
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गाजियाबाद :- सिद्धेश्वर महादेव कुटी मंदिर मकरेड़ा पाइप लाइन में चल रहे एक वर्षीय अनुष्ठान में नवरात्रि पर्व के सातवें दिन दिन मां भगवती के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि का वैदिक विधि विधान व षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। यज्ञाचार्य विकास कुमार पांडेय व नित्यानंद आचार्य ने मां की पूजा-अर्चना तथा हवन कराया। आयोजक स्वामी वैद्य मुकेशानंद गिरि ने बताया कि सिद्धेश्वर महादेव कुटी मंदिर में 9 अप्रैल से अखंड शतचंडी अनुष्ठान शुरू किया गया है। इस अनुष्ठान को करने की प्रेरणा श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने दी है। यह अनुष्ठान विश्व कल्याण की कामना से किया जा रहा है।
सोमवार को बडी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और हवन में आहुति देने के साथ नवार्ण मंत्रों का जाप किया। नौ लाख नवार्ण मंत्र का जाप प्रयोग 1 वर्ष तक अनवरत चलता रहेगा। स्वामी वैद्य मुकेशानंद गिरि ने बताया कि नवरात्रि में सप्तम दिन देवी को कालरात्रि के रूप में पूजा जाता है। मां कालरात्रि की उत्पत्ति की कथा.का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा सभी देवी देवता मिलकर भगवान शंकर के पास गए और रक्षा की प्रार्थना की। तब महादेव ने मां पार्वती से असुरों का अंत कर अपने भक्तों की रक्षा करने को कहा। इसके बाद माता पार्वती ने दुर्गा का रूप धारण किया और शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया। माता के सामने असली चुनौती राक्षस रक्तबीज ने पेश की।
राक्षसों का नाश करने के लिए मां ने कालरात्रि का भयंकर स्वरूप धारण किया उसके पश्चात समस्त असुरों का नाश किया। मां कालरात्रि की उपासना शत्रुओं के नाश के लिए की जाती है। मुख्य यजमान श्री सत्यवीर भाटी नोएडा ने कुटी में चल रहे शतचंडी महायज्ञ में मां भगवती का पूजन और अर्चन कर भगवान सिद्धेश्वर महादेव का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।