रिपोर्ट :- विकास शर्मा
हरिद्वार :- तीर्थ नगरी हरिद्वार ट्रैवल व्यवसाईयों ने हरिद्वार एवं टूर ऑपरेटर एसोसियेशन ऑफ उत्तराखंड बैनर के तले माया देवी प्रांगण में राज्य सरकार की चार धाम यात्रा के पंजीकरण की व्यवस्था के खिलाफ अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया। ट्रैवल व्यवसाईयों ने हाथ में बैनर लेकर जमकर नारेबाजी का प्रदर्शन किया।
माया देवी प्रांगण में ट्रैवल व्यवसाईयों को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक अहलुवालिया ने कहा कि आज सभी पर्यटन सरकार की चारधाम यात्रा की नीतियों के कारण तीर्थ यात्रियों का उत्पीड़न हो रहा है। जिससे यात्रियों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंच रही है। साथ ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े सभी व्यवसायियों को रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यह सरकार की जन विरोधि नीतियां हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध करते हुए एक जून से चार धाम यात्रा को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास करने की मांग की। उन्होंने चार धाम यात्रा से बैरियर हटाने की मांग की।
संगठन के महामंत्री सुमित ने कहा कि सरकार चार धाम यात्रा के पंजीकरण को लेकर अपना तुगलकी फरमान जारी कर देती है। सरकार की दोहरी नीति नहीं चलेगी। एक तरफ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करती है, वही दूसरी और पर्यटन से जुड़े व्यावसायियों के लिए ऐसी नीतियां बनाती है। इस बार चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन इस तरह लग रहा जैसे विदेश जाने के लिए वीजा बनवाना हो। पर्यटन से जुड़े सभी व्यवसायियों पर आर्थिक संकट आ गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार बड़े पैकेज वालों को प्राथमिकता देकर चार धाम भेज रही है, पर जो गरीब आदमी पैसे जुटाकर चार धाम यात्रा में जाने को श्रद्धा लिए हैं उनके लिए कोई प्रावधान नहीं। व्यवस्था बनाना सरकार का काम है। सरकार की नीतियों के विरोध में आज सभी व्यापारियों ने सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ किया है। अगर सरकार नहीं जागती तो सड़क से सदन तक आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।